कोलकाता: पश्चिम बंगाल के भूपति नगर विस्फोट मामले में जांच करने गई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पर हमले को लेकर लग रहे आरोपों पर केंद्रीय एजेंसी ने सफाई दी है। एनआईए ने रविवार (7 अप्रैल) को एक बयान जारी कर कहा है कि अधिकारियों पर हमले के बाद जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे दुर्भावना पूर्ण और निराधार हैं।
दरअसल शनिवार (6 अप्रैल) को एनआईए की टीम पर हमले के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि रात के अंधेरे में एनआईए की टीम ने महिलाओं पर हमला किया था। इसके बाद विस्फोट के मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता की पत्नी की शिकायत के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने एनआईए अधिकारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया है। इस पर एनआईए ने बयान जारी किया है।
एनआईए ने अपने आधिकारिक बयान में रविवार को अपने खिलाफ लगाए गए गैरकानूनी कार्यों के आरोपों का खंडन किया और पूरे विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया।
एनआईए ने कहा है कि उसकी कार्रवाई प्रामाणिक, वैध और कानूनी रूप से अनिवार्य थी, क्योंकि यह बमों के निर्माण से संबंधित जघन्य अपराध की चल रही जांच का हिस्सा था। इसी सिलसिले में पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपति नगर थाना अंतर्गत नरूबिला गांव में छापेमारी की थी।
'सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर की गिरफ्तारी'
एजेंसी ने कहा कि हमला एनआईए को उसके वैध कर्तव्यों को पूरा करने से रोकने का प्रयास था। एजेंसी ने कहा है कि स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में और सीआरपीएफ द्वारा प्रदान किए गए सुरक्षा घेरे में पांच स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें महिला कांस्टेबल भी शामिल थीं। इसमें कहा गया है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं।
एनआईए अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर
बता दें कि बंगाल में एनआईए टीम पर हमले के एक दिन बाद पुलिस ने एनआईए अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एसपी सौम्यदीप भट्टाचार्य ने कहा कि एनआईए की एक टीम भूपतिनगर पुलिस स्टेशन पहुंची थी और हमने उनके साथ पूरा सहयोग किया। दरअसल, पुलिस ने विस्फोट के मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता मनोब्रत जाना के परिवार की एक महिला की शिकायत पर एनआईए टीम और सीआरपीएफ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनआईए अधिकारियों ने देर रात उनके घर के दरवाजे तोड़कर उनके साथ छेड़छाड़ की।