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कोलकाता: चोरी के सिलसिले में रेलवे की एक शिकायत पर शनिवार को गिरफ्तार रूइया समूह के अध्यक्ष पवन रूइया को आज 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया और उनपर आपराधिक षड़यंत्र रचने समेत कई नए आरोप लगाए गए। उत्तरी 25 परगना जिला के बराकपुर की एक अदालत में आज उद्योगपति को पेश किया गया जहां ये आदेश पारित किए गए। पश्चिम बंगाल सीआईडी ने अदालत से कहा कि उसे रूइया से सवाल करने के लिए काफी समय की जरूरत है और उनकी पूर्ण-कालिक हिरासत का आग्रह किया। अदालत ने सीआईडी का आग्रह स्वीकार कर लिया। सीआईडी ने रूइया को कल नई दिल्ली उनके आवास से गिरफ्तार किया था और उनपर भादंसं की धारा 420 :धोखेधड़ी:, 406 :आपराधिक विश्वासघात: और 409 (लोक सेवक की ओर से विश्वासघात) के आरोप लगाए गए। आज रूइया पर भादंसं की धारा 436 (घर इत्यादि तबाह करने की मंशा से आग या विस्फोटक पदार्थों से कुचेष्ठा), 201 (अपराध के सबूत गायब करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के आरोप लगाए गए। रेलवे की एक टीम ने दमदम स्थित जेसप फैक्टरी में आग लगने के बाद वहां का निरीक्षण किया था और पाया था कि 50 करोड़ रुपये मूल्य के अनेक उपकरण और कोच गायब हैं।

इसके बाद रेलवे ने दमदम पुलिस थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रूइया समूह के अध्यक्ष को सीआईडी जेसप फैक्टरी में चोरी और आग लगने की घटना की जांच के लिए अतीत में चार बार बुला चुकी है, लेकिन हर बार वह पेश नहीं हो पाए। सीआईडी ने चोरी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।

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