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पटना: पटना के पारस अस्पताल में भर्ती बिहार के पूर्व सीएम व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की हालत नाजुक है। उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए बिहार से दिल्ली ले जाया गया है। इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी ने लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव से फोन पर चर्चा कर स्वास्थ्य की जानकारी ली। तेजस्वी ने बिहार की जनता से भावुक अपील भी की है। सीएम नीतीश कुमार ने आज पारस अस्पताल जाकर राजद प्रमुख का हालचाल जाना। इस दौरान नीतीश भावुक नजर आए।

राजद प्रमुख यादव रविवार को पटना में राबड़ी देवी के सरकारी आवास में गिर गए थे। इससे उनके कंधे की हड्डी टूट गई थी। शरीर के अन्य हिस्सों में भी उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। वे पहले से कई रोगों से जूझ रहे थे। सोमवार तड़के उनकी हालत बिगड़ने पर पटना के पारस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। नीतीश कुमार ने अस्पताल जाकर राजद नेता तेजस्वी यादव और चिकित्सकों से लालू यादव के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

पटना: बिहार की राजधानी पटना के राजीवनगर थाना क्षेत्र के नेपाली नगर इलाके में रविवार की सुबह अतिक्रमण के खिलाफ बड़ा अभ‍ियान शुरू किया गया। इधर, विरोध को देखते हुए करीब चार थानों की पुलिस के साथ दो हजार पुलिस फोर्स को इलाके में तैनात कर दिया गया। ताकि विधि व्यवस्था की स्थिति से निपटा जा सके। प्रशासन फिलहाल करीब 20 एकड़ में बने 70 मकानों को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है। लेकिन यह पूरा विवाद करीब 1024 एकड़ जमीन का है, जिस पर अब सैकड़ों मकान बन चुके हैं। इन मकानों में नेता, मंत्री, जज और आइएएस, आइपीएस के भी ठिकाने शामिल हैं।

1974 से चल रहा है ये विवाद

बता दें कि दीघा- राजीव नगर जमीन विवाद 1974 से ही चल रहा है। आवास बोर्ड ने 1974 में दीघा के 1024 एकड़ में आवासीय परिसर बसाने का निर्णय लिया था। इसके लिए बोर्ड की ओर से जमीन भी अधिग्रहित की गई, परंतु अधिग्रहण में भेदभाव और मुआवजा नहीं देने के मामले को लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने भी आवास बोर्ड को जमीन अधिग्रहण में भेदभाव दूर करने और किसानों को सूद सहित मुआवजा देने का निर्देश दिया, जिस पर आवास बोर्ड ने आज तक अमल नहीं किया।

किसानों ने शुरू की जमीन की खरीद बिक्री

परिणाम स्वरूप किसानों ने निजी हाथों में जमीन की खरीद बिक्री शुरू कर दी। यहीं से दीघा, राजीव नगर का विवाद लगातार बढ़ता गया। वर्तमान में 1024 एकड़ में लगभग 10,000 से ज्यादा मकान बन चुके हैं। राजीव नगर, नेपाली नगर इसी परिसर में अवस्थित है।

कई दूसरी संस्‍थाओं को दी गई जमीन

आवास बोर्ड ने अध‍िग्रहित आवासीय भूखंडों को राजीव नगर थाना, पुलिस रेडियो तार एजेंसी, सीआरपीएफ, एसएसबी, सीबीएसई सहित कई एजेंसियों को आवंटित कर दिया। स्‍थानीय लोग इसे नियम के विरोध में बताते हैं। उनका कहना है कि आवास बोर्ड किसी आवासीय परिसर के लिए जमीन अधिग्रहित करता है और उन्हीं को आवंटित करता है।

दो हजार में अध‍िग्रहण, अब एक लाख के करीब कीमत

किसानों का कहना है कि दीघा जमीन अधिग्रहण ₹2000 प्रति कट्ठा किया गया था, परंतु वर्तमान में ₹93 लाख रुपए बेचा जा रहा है। यह किसानों के साथ घोर अन्याय है। दीघा के पूर्व मुखिया और किसान नेता चंद्रवंशी सिंह का कहना है कि अगर 93 लाख रुपए के हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया जाए तो कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन आवास बोर्ड मुआवजा देना नहीं चाहता और जमीन पर जबरन कब्जा कर रहा है। उनका कहना है कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रहा है। कोर्ट ने कहा था अधिग्रहण संबंधी सभी भेदभाव तत्काल दूर किए जाएं। लेकिन आज तक आवास बोर्ड में हुई भेदभाव दूर नहीं किया।

आइएएस अफसर की जमीन बनी व‍िवाद की वजह

मामला आईएएस अध‍िकारी आरएस पांडे की जमीन को लेकर था। आवास बोर्ड ने 1024 एकड़ में से 4 एकड़ जमीन मुक्त कर दिया था, जो बीच परिसर में पड़ता था। इसी को दीघा के किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दीघा के किसानों का कहना था कि जिस तरह एक आईएएस ऑफिसर का भूखंड अधिग्रहण मुक्त रखा गया है, उसी तरह किसानों की जमीन भी अधिग्रहण मुक्त की जाए, परंतु आवास बोर्ड ने किसानों की बात नहीं मानी और धीरे-धीरे विवाद बढ़ता गया।

भूमि‍ बचाओ संघर्ष मोर्चा कर रहा है विरोध

वहीं, दीघा भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष नाथ सिंह का कहना है कि राजीव नगर, नेपाली नगर, केसरी नगर के लोगों ने दीघा के किसानों से जमीन खरीदी है। इसके बाद उन्होंने उस पर आवास बनाया है। प्रशासन द्वारा उसे तोड़ना कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे। पहले से ही पटना हाईकोर्ट में कई याचिकाएं पड़ी हुई हैं। इस पर सुनवाई होना बाकी है।

 

पटना: पटना में भीड़-भाड़ वाले दीवानी अदालत परिसर में शुक्रवार को एक देसी बम में विस्फोट हुआ। विस्फोट में एक पुलिस अधिकारी जख्मी हो गया। यह अधिकारी 'सबूत के तौर पर' विस्फोटक को अदालत लेकर आया था। पीरबहोर थाने के प्रभारी (एसएचओ) सबी उल हक ने बताया कि उपनिरीक्षक की बांह में चोट आई है और वह खतरे से बाहर है। घटनास्थल इसी थाना क्षेत्र में आता है।

थानेदार ने बताया, “जख्मी उपनिरीक्षक उमाकांत राय कदम कुआं थाने में तैनात हैं। उनके क्षेत्र में हाल में कुछ देसी बम जब्त किए गए थे और वे उन्हें सामान्य जांच प्रक्रिया के तहत अदालत लेकर लाए थे।” राय ने एक डिब्बे में बम रखे हुए थे जो उन्होंने सहायक अभियोजन अधिकारी के समक्ष रखे तभी उसमें विस्फोट हो गया।

विस्फोट के बाद पुलिस अधिकारी ने बताया कि कमरे में एक और बक्सा रखा गया था, जिससे कोर्ट रूम के अंदर दहशत फैल गई। हालात ने नाटकीय मोड़ तब लिया जब पटना पुलिस की बम निरोधक इकाई ने कहा कि वे बम को निष्क्रिय नहीं कर पाएंगे।

पटना: बिहार में एक ताजा घटनाक्रम के तहत एआईएमआईएम का राष्ट्रीय जनता दल में विलय हो गया है। एआईएमआईएम के चार विधायक आज आरजेडी में शामिल हो गए। आज अचानक ही दोपहर बाद तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा के कमरे में एआईएमआईएम के 4 विधायकों के साथ पहुंचकर मुलाकात की। इस दौरान अख्तरुल इमान को छोड़कर ओवैसी की पार्टी के सभी विधायक मौजूद थे। पार्टी के जिन विधायकों ने राजद में शामिल होने का फैसला लिया है उनमें कोचाधामन सीट से विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से विधायक शाहनबाज आलम, बायसी से विधायक रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज से विधायक अनजार नईमी शामिल हैं।

बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में ओवैसी की एआईएमआईएम से 5 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें से चार विधायकों ने अब पार्टी का दामन छोड़ दिया है। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमाम को छोड़ कर चारो विधायक आरजेडी में शामिल हो गए।

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