ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

पटना: जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर की है। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू परिवार के बचाव में सामने आ गये हैं। नीतीश कुमार ने चार्जशीट पर कहा, “कुछ नहीं है। हम लालू-नीतीश एक साथ आ गये हैं, इसलिए बीजेपी को जो मर्जी पड़ती है, वह वो कर रही है। इसका कोई मतलब नहीं है। यह कोई तरीका नहीं है।"

बिहार में इन दिनों जेडीयू-आरजेडी गठबंधन की सरकार है। नीतीश सरकार में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव अहम सहयोगी व बिहार के उप मुख्यमंत्री हैं। पिछली गठबंधन सरकार के दौरान लालू परिवार पर जमीन के बदले नौकरी देने के आरोप लगने पर नीतीश कुमार ने साल 2017 में आरजेडी से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनी ली थी।

नीतीश कुमार ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने मुझसे कहा था कि अपनी पार्टी को कांग्रेस में मर्ज कर लो।

नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में सीबीआई ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के प्राइवेट सेक्रेटरी संजय यादव को पूछताछ के लिए तलब किया है। सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में उनके कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले में चार्जशीट दाखिल की है। अधिकारियों के मुताबिक, लालू यादव की बेटी मीसा भारती और रेलवे के एक पूर्व महाप्रबंधक को भी हाल ही में सीबीआई की एक विशेष अदालत में पेश की गई चार्जशीट में बतौर आरोपी शामिल किया गया है।

बता दें, यह मामला यूपीए-1 सरकार में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। सीबीआई ने इसी साल 18 मई को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में लालू यादव समेत उनके परिवार के चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने 23 सितंबर, 2021 को रेलवे में कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थी।

पटना: बिहार में सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' या महागठबंधन के छोटे घटक दलों ने गठबंधन की दो सबसे बड़ी पार्टियों जेडी(यू) और आरजेडी के बीच कथित दरार के बीच एक समन्वय समिति के जल्द से जल्द गठन की मांग की है। महागठबंधन सरकार में शामिल सीपीआईएमएल(एल) ने बुधवार को कहा कि जेडीयू और आरजेडी में जारी मतभेद के बीच सरकार को सही और शांत तरीके से चलाने के लिए जल्द से जल्द कोर्डिनेशन कमेटी बनाना जरूरी है। हाल ही में आरजेडी कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सीपीआईएमएल(एल) ने अपनी मांग दोहराई है।

दो महीने पहले ही बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए आरजेडी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई थी। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के एक बयान के बाद दोनों पार्टियों के बीच तनाव देखा गया था। जगदानंद सिंह ने कहा था कि अगले साल तक डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने बॉस नीतीश कुमार को रिप्लेस कर देंगे। इसके बाद उनके बेटे सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अपने पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर ‘‘भाजपा की ओर से'' काम करने का सोमवार को आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि उनके बहुप्रचारित जन सुराज अभियान के लिए धन का स्रोत क्या है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किशोर की राज्यव्यापी ‘‘पदयात्रा'' की निंदा करते हुए कहा, ‘‘बिहार के लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार के शासन में कितनी प्रगति हुई है, हमें प्रशांत किशोर से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। हालांकि किसी भी अन्य नागरिक की तरह वह मार्च या प्रदर्शन करने के लिए स्वतंत्र हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि किशोर अपने अभियान को चाहे कोई भी नाम दें, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वह भाजपा की ओर से काम कर रहे हैं।

ललन ने कहा कि अच्छी तरह से स्थापित राजनीतिक दलों को कितनी बार पूरे पृष्ठ का विज्ञापन देते हुए देखा गया है। उन्होंने कल अपनी पद यात्रा के लिए ऐसा किया। उन्होंने सवाल किया कि आयकर विभाग, सीबीआई या ईडी क्यों नहीं संज्ञान ले रहे हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख