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पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। ताजा प्रकरण में ललन सिंह ने पीएम मोदी पर नौकरियों पर उनके वादे को लेकर हमला बोला है। ललन सिंह ने कहा है कि 2014 में आपने प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन आठ साल बाद 16 करोड़ के बदले सिर्फ 75 हजार नियुक्तियों की ही बात हो रही है।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, 2014 में प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरी का वादा और अब 8 वर्ष बाद 16 करोड़ के बदले सिर्फ़ 75 हज़ार नियुक्ति की बात.....! आपके वादों का क्या? आखिर देश के युवाओं को जुमलेबाजी की घुट्टी कब तक पिलाते रहेंगे आप?" अपने दूसरे ट्वीट में ललन सिंह ने अग्निवीर योजना पर लिखा है, "अग्निवीर योजना से पूर्व सेना, नौसेना और वायुसेना में लाखों युवाओं की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, वे लोग सिर्फ़ जॉईनिंग लेटर के इंतजार में थे.. आखिर उन लाखों "होनहार फिर भी बेरोजगार" युवाओं को नियुक्ति पत्र कब मिलेगा?"

पटना: बिहार के भाजपा विधायक ललन पासवान ने बुधवार को हिंदू देवी-देवताओं के बारे में बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया। भागलपुर जिले के पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने हिंदू मान्यताओं पर सवाल उठाए और अपनी बात साबित करने के लिए 'सबूत' के साथ तर्क दिए। भागलपुर के शेरमारी बाजार में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया और उनका पुतला भी जलाया गया।

विधायक ने दिवाली पर देवी लक्ष्मी की पूजा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 'अगर हमें केवल देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन मिलता है, तो मुसलमानों में अरबपति और खरबपति नहीं होते? मुसलमान देवी लक्ष्मी की पूजा नहीं करते हैं, क्या वे अमीर नहीं हैं? मुसलमान देवी सरस्वती की पूजा नहीं करते हैं। क्या मुसलमानों में कोई विद्वान नहीं है? क्या वे आईएएस या आईपीएस नहीं बनते?'

भाजपा नेता ने कहा कि "आत्मा और परमात्मा" की अवधारणा सिर्फ लोगों की मान्यता है। उन्होंने कहा, 'यदि आप मानते हैं तो देव हैं, वरना पत्थर। यह हम पर निर्भर है कि हम देवी-देवताओं को मानते हैं या नहीं।

नई दिल्ली: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को दिल्ली की अदालत ने नसीहत दी है कि वे सोच समझकर बोलें। अदालत ने तेजस्वी की जमानत रद्द करने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह बात कही। अदालत ने फिलहाल जमानत रद्द करने का आदेश नहीं दिया है। ऐसे में तेजस्वी के लिए ये राहत की बात है। हालांकि, अदालत ने उनसे कहा कि वे संवैधानिक पद पर हैं इसलिए सही शब्दों का चयन करें।

तेजस्वी आईआरसीटीसी घोटाले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू सीबीआई स्पेशल कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान उन्होंने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए नामंजूर करने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने कहा कि जमानत रद्द करने का कोई आधार नहीं है। इसलिए सीबीआई की अर्जी मंजूर नहीं की जा रही है। अदालत विस्तार से इस पर फैसला जारी करेगी।

तेजस्वी ने कहा कि वे विपक्ष में हैं और सरकार के गलत कामों पर सवाल उठाना उनकी ड्यूटी है। मौजूदा सरकार सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रही है। सभी विपक्षी दलों को ये ही लगता है।

नई दिल्ली: आईआरसीटीसी मामले में सुनवाई शुरू हो गई है। तेजस्वी यादव ने सीबीआई की अर्जी पर अपना जवाब दाखिल किया है। सीबीआई ने तेजस्वी यादव के जवाब का विरोध किया है। सीबीआई ने तेजस्वी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में दिए बयान को पढ़ा और कहा कि सीबीआई को धमकी दी गई ताकि जांच को प्रभावित किया जा सके। सीबीआई ने कहा, तेजस्वी द्वारा यह कहने की कोशिश की गई कि सीबीआई किसी के निर्देश पर काम कर रही है। तेजस्वी ने एजेंसी की इमेज खराब करने की कोशिश की।

सीबीआई ने कहा इस केस से जुड़े जांच अधिकारी पर हमला हुआ, एक बार नहीं दो बार, लेकिन हमारे पास कोई सबूत नहीं है। न ही हम इस केस में इसको शामिल कर रहे है।

सीबीआई ने कहा तेजस्वी द्वारा दिया गया बयान न केवल सीबीआई को धमकी है बल्कि पूरे जांच में शामिल गवाहों को भी धमकी दी जा रही है। हमने कभी तेजस्वी को गिरफ्तार करने की कोशिश भी नहीं की। लेकिन अगर वो इस स्तर पर आ जाते हैं कि जांच एजेंसी को धमकाएं तो बेल कैंसल होनी चाहिए।

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