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सहरसा: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अररिया के बाद सहरसा में जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार को जंगलराज बनाने वालों के साथी, उनके करीबी चाहते हैं, कि आप भारत माता की जय के नारे न लगाएं। वो चाहते हैं कि छठी मैया को पूजने वाली इस धरती पर, भारत माता की जय के नारे न लगें। वो चाहते हैं, यही नहीं, आप जय श्री राम भी न बोलें, वो ये चाहते हैं। बिहार के चुनाव प्रचार में मां भारती का जयकारा इन लोगों को रास नहीं आ रहा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी रैली में कहा कि राज्य ने पिछले 15 साल में नीतीश कुमार के नेतृत्व में असुरक्षा और अराजकता के अंधेरे को पीछे छोड़ दिया है। नीतीश कुमार के शासन में अब सड़कें और बाजार देर रात भी लोगों से भरे होते हैं। उन्होंने कहा, "बिहार वो दिन भूल नहीं सकता, जब यहां चुनाव का मतलब था- चारो तरफ हिंसा, हत्याएं, बूथ कैप्चरिंग। गरीबों को घरों में कैद करके, उनके नाम से जंगलराज वाले खुद वोट दिया करते थे। बिहार में गरीब को सही मायनों में मतदान का अधिकार एनडीए ने दिया है।" 

 

स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने दिवाली और छठ पर जनता से स्थानीय उत्पादों को खऱीदने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मैं देश की 130 करोड़ आबादी से आग्रह करता हूं कि जितना संभव हो, लोकल चीजें ही खरीदें। उन्होंने कहा कि खादी की बिक्री पहले की तुलना में कई गुना बढ़ी है और विदेशों में भी इसकी मांग है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने अररिया में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि बिहार की जनता ने डबल-डबल युवराजों और जंगलराज को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि कांग्रेस सिर्फ वादे करती आई है। आज कांग्रेस की हालत ये है कि दोनों सदनों में मिलाकर उसके पास 100 सदस्य नहीं हैं।

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