इंफाल: मणिपुर में चार और आठ मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंफाल में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वह 15 साल तक सत्ता में रही लेकिन मणिपुर को बर्बाद कर दिया। राज्य में चल रही नाकेबंदी पर पीएम ने कहा कि मणिपुर में बीजेपी की सरकार आते ही हम कोई भी नाकेबंदी नहीं रहने देंगे और दिखा देंगे कि सरकार कैसे चलती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो काम 15 सालों में नहीं कर पायी वह काम भाजपा की सरकार 15 महीनों में करके दिखाएगी। उन्होंने कहा कि जहां पर भी कांग्रेस की सरकार है वहां पर विकास नहीं है, वहां पर केवल भ्रष्टाचार है।उन्होंने कहा कि मणिपुर के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है। मोदी ने कहा कि जहां भी कांग्रेस रही, वहां विकास नहीं सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ। एक जनजाति से दूसरी को लड़ा देना, यही कारोबार चलाया जा रहा है। पीएम ने कहा कि 40 साल के बाद मैं ऐसा प्रधानमंत्री हूं जो पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए की जाने वाली बैठक में आया। पिछले दो साल में हमारी सरकार के मंत्रियों का 90 बार दौरा पूर्वोत्तर में होता रहा है।
अटल जी ने नॉर्थ ईस्ट के लिए अलग मंत्रालय बनाया था, अलग बजट दिया था, लेकिन बाद की सरकार ने इसकी परवाह ही नहीं की। अगर सरकार दो कदम चले तो यहां के लोग 4 कदम चलने को तैयार रहते हैं। भाजपा मणिपुर चुनावों में मुख्यमंत्री उम्मीदवार और सहयोगियों के बिना उतरेगी। कांग्रेस के साथ यहां उसकी सीधी टक्कर होने की उम्मीद है, ऐसे में पार्टी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ही उसका चेहरा होंगे। पार्टी ने यद्यपि अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान न किया हो लेकिन उसके प्रदेश अध्यक्ष के भाबानंदा सिंह ने कहा, मणिपुर चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी और उनका सुशासन पार्टी का चेहरा होंगे। हम किसी मुख्यमंत्री उम्मीदवार का एलान क्यों नहीं कर रहे इसका जवाब हमरा केंद्रीय नेतृत्व देगा। हो सकता है इसकी वजह बहुत सारे नेता हों। राज्य में यह विधानसभा चुनाव असल में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई का गवाह बनेगा हालांकि कुछ छोटी पार्टियां भी मैदान में हैं। सिंह ने पार्टी की शानदार चुनावी संभावनाओं पर भरोसा जताते हुए कहा, भाजपा असम में कांग्रेस के 15 साल के कुशासन के बाद सत्ता में आई। मणिपुर में भी, हम दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आएंगे। भाजपा इन चुनावों में नेशनल पीपुल्स पार्टी, नगा पीपुल्स फ्रंट और लोक जनशक्ति पार्टी जैसे अपने सहयोगियों के बिना चुनाव लड़ रही है। एनपीपी ने जहां राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 21 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं तो वहीं एलजेपी ने 11 प्रत्याशी खड़े किए हैं। एनपीएफ ने 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।