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इंफाल: मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने कांग्रेस के निवर्तमान मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह से तुरंत इस्तीफा देने को कहा है ताकि अगली सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो सके। राजभवन के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया, ‘इबोबी सिंह ने उपमुख्यमंत्री गायखमगम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष टीएन होकिप के साथ कल रात राज्यपाल से मुलाकात की थी। राज्यपाल ने सिंह से तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहा ताकि वह सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर सकें।’ सूत्र ने कहा, ‘नियमों के मुताबिक, जबतक मौजूदा मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते हैं। तब तक अगली सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती है।’ राजभवन के सूत्र ने बताया, ‘मुलाकात के दौरान इबोबी सिंह ने कांग्रेस के 28 विधायकों की सूची दिखाकर अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों के समर्थन का भी दावा किया।’ उन्होंने कहा, ‘साधारण कागज पर एनपीपी के चार विधायकों का नाम देखकर हेपतुल्ला ने इबोबी सिंह से एनपीपी अध्यक्ष और विधायकों को लाने को कहा।’ सूत्र ने बताया कि राज्यपाल ने कहा कि दावे को क्रॉस चेक करना उनका कर्तव्य है और वह साधरण कागज के टुकड़े को ‘समर्थन पत्र’ के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगी जब तक वह एनपीपी विधायकों से मिल नहीं लेतीं। भाजपा नेतृत्व ने अपने 21 विधायकों, एनपीपी के अध्यक्ष और पार्टी के चार विधायकों, कांग्रेस के एक, लोजपा के एक और तृणमूल के एक विधायक के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थी।

इंफाल: मणिपुर की आयरन लेडी की नाम से मशहूर इरोम शर्मीला ने अपने समाज के लोगों के लिए अपनी जिंदगी के 16 साल कुर्बान कर दिए। अफ्स्पा (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पॉवर एक्ट) के खिलाफ 16 साल तक अनशन किया। अनशन के तोड़ने के आखिरी विकल्प के रूप में जब वह चुनाव मैदान पर उतरीं तो उन्हें समाज के लोगों ने वह सिला मिला जिस पर किसी को यकीन न हो। इरोम को चुनाव में सिर्फ 90 वोट मिले। इरोम राज्य के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ थाउबल विधान सभा सीट से उतरीं थीं। इस चुनाव में इबोबी सिंह को 18649 वोट, दूसरे स्‍थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी बसंता सिंह को 8179 वोट, तीसरे स्थान पर रहे तृणमूल के सुरेश सिंह को 144 वोट और चौथे स्थान पर रहीं इरोम को महज 90 वोट मिले।

 

इंफाल: मणिपुर विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण का मतदान पांच बजे खत्म हो गया। इस चरण रिकार्ड मतदान हुआ। शाम पांच बजे तक 86 फीसदी मतदान हुआ। पिछले चुनाव में हुई वोटिंग के मुकाबले इस बार वोटिंग प्रतिशत में एक फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं इस चरण में पिछले चरण के मुकाबले 2 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। राज्य की कुल 60 में से 22 विधानसभा सीटों पर आज मतदान हुआ। राज्य के मुख्य निवार्चन अधिकारी विवेक कुमार देवांगन के मुताबिक शाम के समय कई मतदान केंद्रों के बाहर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिली। उन्होंने कहा कि तामेंलेंग विधानसभा क्षेत्र के कुछ चुनाव केंद्रों के बाहर हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान प्राय: शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि चंदेल विधानसभा सीट में कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को नुकसान पहुंचाये जाने की खबरें मिली। हालांकि, कुछ समय के भीतर ही ईवीएम बदल दिये गये। घाटी के थाउबल और पर्वतीय उखरूल, चंदेल, तामेंलोंग और सेनापति जिलों के 22 विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान हुआ। राज्य विधानसभा की 38 सीटों के लिए चार मार्च को हुए पहले चरण के मतदान में 84 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। वहीं उनके बेटे ओकराम सूरजकुमार सिंह खांगाबोक से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने भी अपनी जीत का दावा किया।

इंफाल: मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला मणिपुर के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान में मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के सामने हैं। यहां 22 विधानसभा क्षेत्रों के लिए बुधवार यानी आठ मार्च को मतदान होगा। विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान का प्रतिशत काफी अच्छा रहा। पहले चरण में 38 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था। दूसरे चरण के मतदान के लिए सभी की निगाहें थाउबल विधानसभा क्षेत्र पर केंद्रित हैं। जहां इरोम मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। दूसरे चरण के चुनाव में 98 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान कल सुबह सात बजे 1,151 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू होगा. चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की 280 कंपनी को सुचारू और पारदर्शी मतदान कराने के लिए तैनात किया है। दूसरे चरण के चुनाव में राज्य के बड़े नामों का भविष्य तय होने वाला है। इसमें मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, उपमुख्यमंत्री एम गईखंगम, मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला सहित कई अन्य शामिल हैं। पहले चरण के चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना अभियान आर्थिक नाकेबंदी पर केंद्रित किया था।

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