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नई दिल्ली: मणिपुर में कांग्रेस इकाई ने कहा है कि अगर वो सत्ता में आते हैं तो राज्य से विवादास्पद अफस्पा कानून को हटा देंगे। अफस्पा सुरक्षाबलों को अशांत क्षेत्रों में विशेषाधिकार देती है। उन्हें सैन्य अभियान के कानूनी कार्रवाई से छूट भी इस कानून के तहत मिलती है। मणिपुर उन राज्यों में शामिल हैं, जहां अगले साल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने यह एलान ऐसे वक्त किया है, जब पूर्वोत्तर के ही नगालैंड में सुरक्षाबलों के हाथों 14 ग्रामीणों की मौत का मामला गरमाया हुआ है। सेना के ऑपरेशन में हुई चूक और गलत पहचान के कारण ग्रामीणों को लेकर जा रहे एक ट्रक पर फायरिंग की गई थी। उसके बाद हिंसक प्रदर्शन में कई ग्रामीण मारे गए थे।

मणिपुर में सात विधानसभा क्षेत्रों को छोड़कर बाकी अन्य जगह अफस्पा कानून लागू है। मणिपुर कांग्रेस इकाई ने शनिवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अगर वो सत्ता में आती है तो पूरे राज्य से अफस्पा को हटा दिया जाएगा। तब तक कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर दबाव बनाने का फैसला किया है। ताकि वो पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से तुरंत ही ये कानून वापस लेने का अनुरोध करें।

इंफाल: मणिपुर में सेना के काफिले को शनिवार को निशाना बनाया गया। आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए इस हमले में भारतीय सेना के एक कर्नल, उनकी पत्नी और बेटे तथा कम से कम तीन अन्य जवान मारे गए हैं। यह हमला इस क्षेत्र में वर्षों में हुए सबसे घातक हमलों में से एक है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना शनिवार सुबह करीब 10 बजे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में म्यांमार सीमा के पास हुई। सूत्रों ने कहा कि असम राइफल्स के एक काफिले पर आतंकवादियों के एक अज्ञात समूह ने घात लगाकर हमला किया। कहा जा रहा है कि घटना राजधानी इंफाल से 100 किमी उत्तर में एक अत्यंत दूरस्थ गांव की है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने आर्मी के कर्नल और उसके परिवार की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों को पकड़ने के लिए काउंटर ऑपरेशन शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट में लिखा, "46 असम राइफल्स के काफिले पर कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हैं। जिसमें आज कमांडिंग ऑफिसर और उनके परिवार के समेत कुछ जवानों की मौत हो गई है।

इम्फाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में है और वह क्षेत्र में बहुत विकास लेकर आए हैं। शाह ने यहां हप्त कांगजेइबुंग में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने क्षेत्र को एक नयी पहचान दी है जो विकास के नए युग का एहसास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले मणिपुर को विद्रोह, बंद और नाकेबंदी के लिए जाना जाता था, लेकिन अब अधिकतर उग्रवादी संगठन मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं और जो मुख्य धारा में शामिल नहीं हुए हैं, वे भाजपा सरकार के प्रयासों से इसमें शामिल होंगे।

शाह ने सत्ता में रहने के दौरान मणिपुर की समस्याओं का हल नहीं करने के लिए कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य बीते तीन साल से उन्नति के पथ पर बढ़ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर के लोगों को ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) के रूप में सबसे बड़ा तोहफा दिया है जो उन्हें बिना मांगे मिला है।

इंफाल: मणिपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) थौनाओजम बृंदा ने ड्रग्स मामले में आरोपी भाजपा नेताओं के बरी होने व कोर्ट द्वारा जांच पर असंतोष जताने के बाद मुख्यमंत्री पुलिस पदक लौटा दिया। एएसपी बृंदा को यह मेडल ड्रग्स मामले में जांच को लेकर दिया गया था। ड्रग्स मामले में भाजपा के पूर्व एडीसी चेयरमैन और अन्य छह लोगों पर आरोप लगाया गया था। 

महिला पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर बताया कि उन्होंने अदालत के आदेश की वजह से मेडल को वापस लौटाया है। दरअसल, अदालत ने ड्रग्स मामले में जांच को असंतोषजनक बताते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। 

पुलिस अधिकारी थौनाओजम बृंदा को 13 अगस्त, 2018 को देशभक्त दिवस के अवसर पर मादक पदार्थों के खिलाफ राज्य सरकार की लड़ाई में योगदान देने के लिए मुख्यमंत्री पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।

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