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इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कोरोना लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को चावल देने के सवाल पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और डिप्टी सीएम युमनाम जयकुमार सिंह के बीच तीखी बयानबाजी से तीन साल पुरानी भाजपा गठबंधन सरकार में दरार पड़ गई है। भाजपा नेता और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता और डिप्टी सीएम जयकुमार सिंह से ज्यादातर महत्वपूर्ण मिनिस्ट्री छीन ली हैं और उनके पास मात्र नागरिक उड्डयन और काराधान मंत्रालय छोड़ा गया है।

पहले तो खबर ये आई थी कि सीएम ने सारे मंत्रालय वापस लेकर उन्हें बिना विभाग का मंत्री बना दिया है लेकिन बाद में सीएम हाउस से सफाई निकली कि उनके पास दो विभाग छोड़े गए हैं। जो विभाग वापस लिए गए हैं उनमें आवास एवं शहरी विकास, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अर्थ एवं सांख्यिकी मंत्रालय शामिल था। राज्य में पहली बार सरकार बना और चला रही भाजपा के सीएम एन बीरेन सिंह को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कथित तौर पर डिप्टी सीएम युमनाम जयकुमार सिंह उनके बारे में अभद्र बात कहते हुए सुने गए। मसला चावल का है जो कोरोना लॉकडाउन में जरूरतमंदों के बीच बांटा जा रहा है।

नई दिल्ली: अयोग्यता को लेकर स्पीकर द्वारा फैसला ना लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के वन मंत्री एवं भाजपा विधायक टी. श्यामकुमार को मंत्री पद से हटा दिया। उनके मणिपुर विधान सभा में घुसने पर भी रोक लगा दी है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद स्पीकर ने इस मामले में 4 सप्ताह के भीतर अयोग्यता पर फैसला नहीं किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज होकर संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया। कोर्ट ने कहा कि मंत्री श्याम कुमार विधान सभा में प्रवेश नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कुमार को उनके मंत्री पद से भी हटा दिया। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।

दरअसल, 21 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष से कहा था कि वह मणिपुर के वन मंत्री एवं भाजपा विधायक टी. श्यामकुमार को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली कांग्रेस नेता की याचिका पर चार हफ्ते में फैसला लें। इसी दौरान अदालत ने अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं को देखने के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली बनाने का सुझाव दिया था।

नई दिल्ली: सीबीआई ने मणिपुर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा, 2016 में अनियमितता की जांच करने के लिए एफआईआर दर्ज की है। जांच एजेंसी ने मणिपुर हाईकोर्ट के आदेशानुसार मणिपुर लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। राज्य सिविल सेवा, राज्य पुलिस सेवा और संबद्ध सेवाओं के 62 पदों के लिए मणिपुर सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2016 कराई गई थी।

चयन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कई प्रतियोगियों के अदालत का रुख करने के बाद हाईकोर्ट ने बीते साल अक्तूबर में परीक्षा रद्द कर दी थी और सीबीआई को मामले की जांच करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले साल नवंबर में यह आदेश बरकरार रखा और जांच एजेंसी को तय समय में जांच पूरी करने का आदेश दिया था।

इंफाल: मणिपुर की राजधानी इम्फाल में मंगलवार को एक शक्तिशाली आईईडी विस्फोट में पांच पुलिसकर्मियों सहित कम से कम छह लोग घायल हो गए। विस्फोट सुबह 9.30 बजे थांगल बाजार में हुआ। इस संबंध में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घायलों में इम्फाल पश्चिम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभियान), एक उप-निरीक्षक (एसआई), दो सहायक एसआई और एक राइफलमैन शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि विस्फोट में एक आम नागरिक भी घायल हो गया। इसमें कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकारी ने बताया कि घायल व्यक्तियों को एक निजी अस्पताल ले जाया गया। घटनास्थल की घेराबंदी कर दी गई है। पिछले चार दिनों में इम्फाल में विस्फोट की यह दूसरी घटना है। इससे पहले दो नवंबर को इम्फाल पूर्वी जिले के तेलीपटी इलाके में हुए विस्फोट में बीएसएफ के तीन जवान घायल हो गए थे।

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