इम्फाल: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रतिक्रिया पर अपना पक्ष रखा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने भाषण में राज्यों के संघ को लेकर अपने विचारों को लेकर यह बात कही है। मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिए इम्फाल में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारे देश को दो तरह से परिभाषित किया जा सकता है। एक है- राज्यों का संघ जहां हर राज्य के बराबरी के अधिकार हैं। हर राज्य बराबर है। भारत को लेकर इस विजन पर हम विश्वास करते हैं।'
उन्होंने कहा कि भाजपा की विचारधारा से हमारी 'लड़ाई' है। उनकी एक विचारधारा, एक विचार, एक भाषा, एक संस्कृति है और उन्हें लगता है कि यह श्रेष्ठ है। जब भाजपा, आरएसएस मणिपुर में आती तो वे इसी तरह की समझ और ऐसी ही श्रेष्ठता की भावना के साथ आती है। जब मै यहां आता हूं तो श्रेष्ठता की भावना के साथ नहीं आता बल्कि मानवता के भाव के साथ आता हूं। बता दें मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिए 27 फरवरी और तीन मार्च को वोट डाले जाएंगे।
राजधानी इम्फाल में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो लघु और मध्यम श्रेणी क्षेत्र (एमएसएमई सेक्टर) के उद्योगों को पुनर्जीवित करेगी। हम खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा, आपने देखा कि कोविड के दौरान पीएम ने क्या किया? कोविड के लिए उनका समाधान था- थाली बजाओ...आप हंस रहे हैं। लेकिन वे हमारे पीएम हैं....लेकिन हमारे पीएम के पास ये आइडिया हैं...जब 'थाली बजाओ' फेल हो गया तो वे नया आइडिया लेकर आए-मोबाइल फोन की लाइट जलाओ....वे ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर नहीं दे सके। यह मणिपुर में हुआ, सुविधाओं के अभाव में हजारों की मौत हो गई।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यूपी राज्य मणिपुर से काफी बड़ा है। लेकिन हमारे लिए यूपी और मणिपुर एक बराबर है। हम बराबरी से यूपी और मणिपुर की भाषा, विविधता, इतिहास और संस्कृति की रक्षा करेंगे। इसे लेकर हमारा कोई दोहरा मापदंड नहीं है। राहुल ने कहा कि भाजपा कुछ भी कह सकती है, कुछ भी कर सकती है लेकिन कांग्रेस मणिपुर के इतिहास, संस्कृति और भाषा की हिफाजत करेगी।
राहुल गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने 2014 में खुब वायदे किए थे, लेकिन वह अब 2 करोड़ रोजगार, 15 लाख रुपये देने की बात, किसान की आय दोगुनी करने की बात, नोटबंदी और गलत तरह से जीएसटी लागू करने की बातें क्यों नहीं करते हैं? मणिपुर की जनता यह सवाल उनसे पूछें जब वह यहां आएं।