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इंफाल: मणिपुर में 4 असम राइफल्स यूनिट की एक टीम पर घात लगाकर हमला किया गया है। इस हमले में टीम के तीन जवान शहीद हो गए हैं, जबकि चार जवान बुरी तरह घायल हो गए हैं। बताया गया है कि यह घटना बुधवार देर रात को राजधानी इंफाल से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंदेल जिले में हुई। 

सूत्रों ने बताया है कि म्यामांर की सीमा से लगे चंदेल जिले में स्थानीय समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 4 असम राइफल्स यूनिट  के तीन जवान शहीद हो गए और पांच सैनिक बुरी तरह घायल हुए हैं। घायल जवानों को इंफाल के पश्चिम जिले के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

जानकारी है कि 15 असम राइफल्स की एक टुकड़ी बुधवार की शाम मणिपुर के चंदेल जिले में गश्त पर थी, इसी दौरान संदिग्ध पीएलए आतंकियों ने हमला कर दिया। पीएलए इस उत्तर-पूर्वी राज्य में सक्रिय अलगाववादी गुटों में से एक है। सूत्रों का कहना है कि असम राइफल्स के जवानों को पहले आईईडी ब्लास्ट का निशाना बनाया गया, इसके बाद छिपे हुए आतंकियों ने उन पर हमला बोल दिया। 

इंफाल: मणिपुर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन का फैसला किया है। मणिपुर में कल यानी गुरुवार की दोपहर 2 बजे से अगले चौदह दिनों तक पूरी तरह लॉकडाउन किया जाएगा। यहां पर मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 90 नए केस आने के बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2 हजार के पार कर गया। राज्य में कुल 2015 कोरोना केस में से 631 अभी सक्रिय केस हैं।

मंगलवार को कोविड-19 से 6 लोगों ने रिकवर किया, जिसके बाद रिकवरी करने वालों की कुल संख्या राज्य में 1384 हो गई। राज्य में कोविड-19 से रिकवरी रेट 68.68 फीसदी है। इससे पहले, थउबाल के डिप्टी कमिश्नर एन. बंदना देवी ने लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाते हुए पूरे जिले में कर्फ्यू लागू कर दिया। थउबाल जिले के तीन इलाके- थउबाल खोउनोउ, मोइजिंग ग्राम पंचायत एरिया और हेरोइक पार्ट-3 को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।

नई दिल्ली: एनपीपी के विधायकों के कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद मणिपुर सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मंगलवार को इन विधायकों को गुवाहाटी लाया गया, विधायकों के साथ इनकी पार्टी प्रमुख भी भाजपा नेताओं से जरूरी चर्चा करने के लिए पहुंचे। इसी बीच सीबीआई की एक टीम इंफाल पहुंची, जहां उसने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह से घर पूछताछ की। बता दें कि सिंह ने मणिपुर के राज्यपाल से मुलाकात की थी और भाजपा के तीन विधायकों सहित नौ विधायकों के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से समर्थन वापस लेने के बाद सरकार पर दावा ठोक दिया था। इसके बाद से बीरेन सिंह की अगुवाई वाली सरकार पर संकट के बाद मंडरा रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि राज्य में एनडीए की सरकार बनाए रखने के लिए बीरेंन सिंह को पद से हटाया भी जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि एनडीए के संयोजक हेमंत बिस्व सरमा के साथ इससे पहले इम्फाल में वार्ता के नए दौर के बाद एनपीपी नेता भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में नेता को बदलने की अपनी मांग पर अड़े रहे।

इंफाल: मणिपुर में भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार भले ही राज्य की एक मात्र राज्यसभा सीट शुक्रवार को जीत गई हो, लेकिन 9 विधायकों के समर्थन वापसी के बाद अभी सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। सरकार को बचाने और इसे गिराने को लेकर मणिपुर की राजधानी इंफाल में सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सेक्युलर प्रोग्रेसिव फ्रंट (एसपीएफ) की बैकडोर बैठकों का दौर जारी है। रविवार को एनपीपी प्रसिडेंट और मेघालय के मुख्यमंत्री कोर्नाड संगमा इंफाल जाकर पार्टी विधायकों से मुलाकात की और अन्य दलों की बैठकों में हिस्सा लिया।

मणिपुर में भाजपा की सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले असम के सीनियर मंत्री और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलाइंस (एनईडीए) के कन्वेनर हेमंत बिस्व सरमा के बारे में यह खबर है कि उन्होंने सरकार बचाने के लिए फौरन इंफाल का दौरा किया। इंफाल टाइम्स के मुताबिक, संगमा और सरमा दोनों ही चार्टर्ड विमान से इंफाल गए। उन्होंने मणिपुर की राजधानी के एक होटल में बैठकें की ताकि मतभेदों को दूर कर एनपीपी को वापस सत्ताधारी गठबंधन में वापस लाया जा सके।

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