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इंफाल: मणिपुर के इंफाल घाटी में 16 नवंबर को विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी के साथ इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 34 हो गई। पुलिस ने बताया कि वे इनपुट की जांच कर रहे हैं और 16 नवंबर को इंफाल घाटी में विधायकों के घरों में हमला करने वाले अतिरिक्त संदिग्धों की भी तलाश जारी है। एक अधिकारी ने कहा कि विधायकों के घरों तोड़फोड़ और आगजनी मामले की जांच की जा रही है।

मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन भी दो दिनों के लिए बढ़ा

मणिपुर सरकार ने शनिवार को राज्य के सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन भी दो दिनों के लिए बढ़ा दिया। राज्य में जारी हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने 16 नवंबर को दो दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी। इसके बाद से कई बार समयसीमा को बढ़ाया जा चुका है। गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी।

इंफाल: मणिपुर में पिछले कई दिनों से तनाव और अशांति जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा, सरकार निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करती है कुछ "गिरोहों" ने लोकतांत्रिक आंदोलन के नाम पर मंत्रियों के घरों को लूट लिया और जला दिया।

एन बीरेन सिंह ने कहा, 'मैंने पहले ही कहा और निंदा की थी, जो लोग निर्दोष लोगों की हत्याओं के खिलाफ वास्तव में आंदोलन कर रहे हैं, वे वास्तविक हैं, हम उनके आंदोलन का समर्थन करते हैं क्योंकि हर किसी को लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का अधिकार है।

'यह शर्म की बात है, हम कार्रवाई करेंगे'

बीरेन सिंह ने आगे कहा, ''लोकतांत्रिक आंदोलन में, कुछ गिरोहों ने मंत्रियों के घरों को लूट लिया, जला दिया और उनकी संपत्तियों को लूट लिया, हमने पहले ही सीसीटीवी के माध्यम से पहचान कर ली है और मुझे यह सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने में शर्म आती है कि यह मणिपुर में हो रहा है। यह शर्म की बात है हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।''

नई दिल्ली/इंफाल: पिछले डेढ़ साल से हिंसा की आग में चल रहे मणिपुर में फिर एक बार तनाव बढ़ गया है। उग्र और हिंसक प्रदर्शन का दौर जारी है। यहां के कई इलाकों में बवाल का सिलसिला जारी है। यह वजह है कि सरकार ने यहां कई इलाकों में कर्फ्यू लगा रखा है। कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।

केंद्र सरकार यहां हालात कंट्रोल करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। पिछले दिनों यहां सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई बड़े फैसले भी लिए, लेकिन हालात अब भी बेकाबू नजर आ रहे हैं। आइए मणिपुर के मौजूदा हालात पर एक नज़र डालते है।

मणिपुर के कई इलाके फिर हिंसा की चपेट में

मणिपुर के मौजूदा हालात एक बार फिर पहले जैसे हैं। राज्य के कई इलाके हिंसा की चपेट में हैं। एक तरफ कुकी समुदाय के लोग अपनी मांग को लेकर हिंसा कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ मैतेई समुदाय एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के विरोध में सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर है।

इंफाल: मणिपुर फिर से हिंसा की आग में जल रहा है। यहां उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के मुठभेड़ के बाद जिरीबाम में 6 लोगों के अपहरण और उनकी लाश मिलने के बाद से भीड़ हिंसक हो गई है। कई मंत्रियों के घरों पर हमले हो चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने सीएम के घर पर भी हमला करने की कोशिश की थी।

कुकी उग्रवादियों की ओर से एक ही परिवार के 6 लोगों की नृशंस हत्या के बाद नाराज मैतेई समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए हैं। लगातार हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कुकी समुदाय 11 नवंबर की मुठभेड़ को फर्जी बता रहा है। इन लोगों का कहना है कि वह उनके शवों का अंतिम संस्कार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही करेंगे। कुकी समुदाय का कहना है कि उन्हें शक है कि सुरक्षाबलों ने उन्हें पकड़कर मारा है।

मणिपुर के मौजूदा हालात एक बार फिर पहले जैसे हैं। राज्य के कई इलाके हिंसा की चपेट में हैं। एक तरफ कुकी समुदाय के लोग अपनी मांग को लेकर हिंसा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मैतेई समुदाय एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के विरोध में सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर है।

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