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इंफाल: मणिपुर में पिछले साल भड़की हिंसा अभी तक थमी नहीं है। ताजा हमलों और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर केंद्र ने करीब 2,000 कर्मियों वाली 20 अतिरिक्त सीआरपीएफ कंपनियों को राज्य में भेजा है। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात को इन इकाइयों को हवाई मार्ग से लाने और तत्काल तैनाती के आदेश जारी किए।

गौरतलब है, सोमवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ भीषण मुठभेड़ में कम से कम 10 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए। यह मुठभेड़ तब हुई जब वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के जाकुरधोर में बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन और उससे सटे सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी। भीषण मुठभेड़ के बाद बल ने अत्याधुनिक हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी जब्त किया।

सूत्रों ने बताया कि मणिपुर भेजी जाने वाली 20 नई केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कंपनियों में से 15 सीआरपीएफ और पांच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हैं।

इंफाल: मणिपुर के जिरीबाम जिले में सोमवार (11 नवंबर 2024) को सीआरपीएफ के जवानों के साथ एक मुठभेड़ में 11 उग्रवादी मारे गए। यह मुठभेड़ उस समय हुई, जब कुकी उग्रवादियों ने सीआरपीएफ के एक शिविर पर हमला किया। मीडिया रिपोर्टस मेंं सूत्रों के हवाले से बताया है कि मुठभेड़ के दौरान एक सीआरपीएफ जवान भी घायल हो गया। उसे इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से अस्पताल भेजा गया है।

खेती के काम में लगी महिला की हत्या

सोमवार सुबह मणिपुर के इम्फाल ईस्ट जिले में एक किसान उस वक्त घायल हो गया जब उग्रवादियों ने पास के पहाड़ी इलाकों से उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। यह हमला इम्फाल घाटी में काम कर रहे किसानों पर कुकी उग्रवादियों के लगातार तीसरे दिन हमला करने की घटना का हिस्सा था। सुरक्षा बल तुरंत मौके पर पहुंचे और जवाबी कार्रवाई की। इसमें एक छोटी सी मुठभेड़ हुई। घायल किसान को यांगांगपोकपी पीएचसी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया और अब उनकी हालत स्थिर है। शनिवार (9 नवंबर 2024) को एक और घटना में एक 34 बरस की महिला किसान को खेत में काम करते हुए गोली मार दी गई थी।

इंफाल: केंद्र सरकार ने मणिपुर में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) के क्रियान्वयन को अगले छह महीने के लिए सोमवार को बढ़ा दिया। हालांकि इंफाल घाटी के अंतर्गत आने वाले 19 थाना क्षेत्रों और असम की सीमा से लगे एक क्षेत्र को इससे बाहर रखा गया है।

राज्य सरकार के गृह विभाग ने एक अधिसूचना में बताया कि यह विस्तार एक अक्तूबर से लागू होगा। इस अधिसूचना में कहा गया है, राज्य में मौजूदा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति का विश्लेषण करने के बाद राज्य सरकार की राय है कि जमीनी स्तर पर विस्तृत आकलन करना उचित नहीं है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां कानून-व्यवस्था बनाए रखने में व्यस्त हैं।

छह महीने की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र घोषित

आयुक्त (गृह) एन अशोक कुमार हस्ताक्षरित अधिसूचना के मुताबिक, मणिपुर के राज्यपाल 19 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों को छोड़कर पूरे मणिपुर को एक अक्तूबर से अगले छह महीने की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र घोषित करने की मंजूरी देते हैं।

इंफाल: मणिपुर पिछले साल से हिंसा की आग में सुलग रहा है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। हालांकि, राजभवन तक मार्च के दौरान छात्रों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद बुधवार को स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में रही।

वहीं, आंतरिक मणिपुर से कांग्रेस सांसद ए बिमोल अकोइजाम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हिंसा संकट पर गहरी पीड़ा व्यक्त की है। यहां लगातार शांति बहाली के दावे धराशाई हो रहे हैं।

आज सुबह भी कर्फ्यू जारी

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल में मंगलवार दोपहर लगाया गया कर्फ्यू आज सुबह भी जारी रहा। जबकि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में पुलिसकर्मियों की लगातार गश्त जारी है। उन्होंने कहा कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं।

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