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इंफाल: राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे छात्रों, महिला प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच मंगलवा को झड़प हो गई। हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शनकारी मणिपुर सरकार के डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं।

इससे पहले सोमवार से ख्वाइरामबंद महिला बाजार में डेरा डाले सैकड़ों छात्रों ने बीटी रोड के साथ राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस भवन के पास सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।

पांच दिन के लिए इंटरनेट बंद

मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विरोध रैली निकाली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका। इस बीच मौजूदा हालात के मद्देनजर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है। थौबल में बीएनएसएस की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। पूरे राज्य में अगले पांच दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

इंफाल: मणिपुर में उग्रवादियों के रॉकेट और ड्रोन्स से हमले के बाद पुलिस और सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं। पुलिस ने बताया है कि सुरक्षा बलों ने चुराचांदपुर जिले में उग्रवादियों के तीन बंकर्स को नष्ट किया है। सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है, जब शुक्रवार को उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले सटे इलाकों में रॉकेट हमला किया था। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हो गए थे। वहीं शनिवार को जिरिबाम जिले में हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई है।

मणिपुर में ताजा हिंसा में शनिवार को जिरिबाम जिले में पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति को सोते हुए गोली मारी गई। वहीं चार अन्य लोग आपसी गोलीबारी में मारे गए। पुलिस के अनुसार, उग्रवादी एक व्यक्ति के घर में घुसे और सोते हुए उसे गोली मार दी। इस घटना के बाद कुछ दूरी पर हथियारबंद लोगों से उग्रवादियों का सामना हो गया और इस गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में तीन लोग पहाड़ी इलाकों के निवासी थे। जनजातीय निकास इंडीजेनस ट्राइब्स एडवोकेसी कमेटी ने घटना में संलिप्तता से इंकार किया है।

इंफाल/नई दिल्ली: मणिपुर के जिरीबाम जिले में संदिग्‍ध उग्रवादियों द्वारा घात लगातार किए गए हमले में एक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गया। सीआरपीएफ और पुलिस के संयुक्‍त गश्‍ती दल पर संदिग्‍ध उग्रवादियों ने हमला किया था। साथ ही हमले में दो पुलिस कमांडो घायल भी हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, संयुक्‍त गश्‍ती दल पर असम की सीमा से लगे जिले में संदिग्‍ध उग्रवादियों ने भारी गोलीबारी की। जिस वक्‍त संदिग्‍ध उग्रवादियों ने गोलीबारी शुरू की गई, उस वक्‍त सीआरपीएफ जवान एक गश्‍ती एसयूवी के पास चल रहा था।

आतंकियों ने किया सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमला

घटनास्‍थल से सामने आए दृश्‍यों में एसयूवी पर कई गोलियों के छेद हैं और पीछे की विंडशील्‍ड टूटी नजर आ रही है। वाहन के अंदर मौजूद दो पुलिस कमांडो को भी गोली लगी है। प्रदेश की राजधानी इंफाल से करीब 220 किलोमीटर दूर जिरीबाम से फोन पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया, "हमने प्रभावी गोलीबारी की। उग्रवादी जंगल की आड़ लेकर भाग गए। तलाशी अभियान जारी है।"

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर हिंसा के मामले को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने सोमवार (17 जून) को मणिपुर में सुरक्षा हालात की समीक्षा करने के लिए एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई। मणिपुर में एक साल से ज्यादा समय से जातीय हिंसा का माहौल है।

मणिपुर की राज्यपाल ने गृहमंत्री से की मुलाकात

अधिकारियों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में एक उच्च-स्तरीय बैठक की। मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने रविवार को शाह से मुलाकात की थी और समझा जाता है कि दोनों ने राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की। बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मेइती समुदायों तथा सुरक्षा बलों के 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

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