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इंफाल: मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कुकी-जो समुदाय की महिलाओं की मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गयी, जिससे जातीय संघर्ष से प्रभावित इस राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया।

पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि यह घटना थम्नापोकपी के पास उयोकचिंग में उस समय हुई, जब भीड़ ने सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम की तैनाती को ‘बाधित’ करने की कोशिश की। पुलिस के मुताबिक, संयुक्त बलों ने ‘न्यूनतम बल प्रयोग’ के साथ भीड़ को ‘तितर-बितर’ कर दिया और अब हालात ‘शांतिपूर्ण और नियंत्रण में’ है।

पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों को ‘इलाके पर नियंत्रण रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने’ के लिए पहाड़ी की चोटी पर तैनात किया गया था।

स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ट्विचिंग के सैबोल गांव में सुरक्षा बलों के बल प्रयोग में कई लोग घायल हो गए। ट्विचिंग कुकी-नियंत्रित पहाड़ियों और मेइती प्रभुत्व वाली इंफाल घाटी के बीच तथाकथित ‘बफर जोन’ में स्थित है।

इंफाल: मणिपुर में 2024 का साल उथल-पुथल भरा रहा। घाटी में मेइती समुदाय और पर्वतीय क्षेत्रों में कुकी जनजातीय समुदायों के बीच टकराव 2024 में और गहरा गया, जिससे व्यापक जनहानि, हिंसा, भीड़ के हमले और आम नागरिकों वाले क्षेत्रों में ड्रोन हमले हुए।

बीते वर्ष मणिपुर से शांति रही कोसों दूर, लोगों में निरंतर भय व्याप्त

कभी अपनी सांस्कृतिक सद्भावना के लिए जाना जाने वाला राज्य अब गहराते विभाजन का सामना कर रहा है, हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और समुदाय निरंतर भय में जी रहे हैं, जबकि तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है और बीते वर्ष राज्य से शांति कोसों दूर रही। वर्ष 2024 की शुरुआत हिंसक घटना से हुई, जब एक जनवरी को थौबल जिले में प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कार्यकर्ताओं ने चार ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना अवैध मादक पदार्थ व्यापार से एकत्रित धन को लेकर हुए विवाद से जुड़ी थी, जिसके कारण राज्य सरकार ने घाटी के सभी पांच जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी।

इंफाल: मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच गुरुवार रात को मुठभेड़ हुई। इस दौरान करीब एक घंटे तक कई राउंड फायरिंग हुई। हालांकि फायरिंग में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। बताया जाता है कि उग्रवादियों ने शांतिखोंगबल, यिंगांगपोकपी उयोक चिंग और थम्नापोकपी उयोक चिंग गांवों में गोलीबारी की। पुलिस ने बताया कि उनको भगाने के लिए सुरक्षा बलों ने हवा में कुछ राउंड गोलियां चलाईं।

पिछले वर्ष मई से इम्फाल घाटी स्थित मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

मणिपुर में हिंसा लगातार जारी है, लेकिन इस माह की शुरुआत में जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके तीन बच्चों की हत्या के बाद से बवाल बढ़ गया। वहीं मणिपुर में बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में पांच हजार अतिरिक्त केंद्रीय बल के जवान भेजे हैं।

इंफाल: मणिपुर के कई इलाकों में केंद्र सरकार द्वारा फिर से अफस्पा कानून लागू करने का विरोध शुरू हो गया है। सोमवार को इस फैसले के विरोध में हजारों की तादाद में महिलाओं ने विरोध मार्च निकाला। महिलाएं विरोध मार्च निकालते हुए इंफाल स्थित सचिवालय जाना चाहती थीं, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। गौरतलब है कि बीते दिनों जिरीबाम में हुई हिंसा के बाद मणिपुर के कई इलाकों में फिर से अफस्पा कानून लागू कर दिया गया है।

महिला संगठन ने किया रैली का आयोजन

सोमवार को मणिपुर में मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए काम करने वाले महिलाओं के संगठन मीरा पाइबिस ने रैली का आयोजन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने हाथों में प्लेकार्ड और बैनर पकड़े हुए थे और वे राज्य से अफस्पा कानून को हटाने की मांग कर रहीं थी। महिलाओं की रैली इंफाल के कोंगबा बाजार इलाके से शुरू हुई, लेकिन तीन किलोमीटर बाद ही रैली को सुरक्षा बलों ने रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी वापस कोंगबा बाजार पहुंचे और वहां एक सभा का आयोजन किया।

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