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भोपाल/सीहोर: कांग्रेस के दिवंगत नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज कुमारी (83) द्वारा अपने बेटे एवं कांग्रेस नेता अजय सिंह सहित परिवार के तीन व्यक्तियों के खिलाफ घरेलू हिंसा एवं संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करके उन्हें बेदखल करने की शिकायत के मामले पर कांग्रेस एवं भाजपा में जुबानी जंग छिड़ गई है। सरोज द्वारा कल अदालत में इस संबंध में अर्जी पेश करने के तुरंत बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मीडिया से कहा था, ‘‘यह भाजपा का षड्यंत्र है। जब भी मैं मध्यप्रदेश की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाता हूं, तब ऐसी चीजें होती हैं।’’

अजय द्वारा लगाये गये आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सीहोर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा कहना है कि मां-मां होती है। किस प्रकार से (अजय ने) सरकार पर आरोप लगा दिया और यह कह दिया कि सरकार ने कुछ ऐसा कर दिया, जिसके कारण मां उनके खिलाफ हो गईं। ये घटियापन की पराकाष्ठा है।’’

भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री स्व.अर्जुन सिंह की पत्नी श्रीमती सरोज सिंह ने अपने दोनों बेटों पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। सरोज सिंह का कहना है कि उनके पति अर्जुन सिंह ने कांग्रेस पार्टी में रहकर देश की सेवा की। हालांकि, उन्हीं के बेटे अजय सिंह ने सारे नियमों को ताक पर रखकर मुझे घर से बेदखल कर दिया। इस उम्र में मुझे अपना निवास छोड़कर कहीं और रहना पड़ रहा है। ऐसे में मैं अदालत से गुजारिश करती हूं कि मुझे मेरे घर में रहने की अनुमति दी जाए। उम्मीद है कि अदालत से मुझे जरूर इंसाफ मिलेगा।

बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अर्जुन सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा केंद्र में कई अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी निभाई। साल 2011 में निधन से पहले कांग्रेस में उनकी बड़ी पकड़ रही थी। उनके बेटे अजय सिंह एमपी कांग्रेस में चर्चित हस्ती हैं। ऐसे में सरोज सिंह की इस कदम ने हर किसी को चौंका दिया है। मंगलवार को भोपाल की अदालत पहुंची सरोज सिंह ने कहा कि उन्हें महिला संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत संरक्षण चाहिए। सरोज सिंह के कोर्ट के दरवाजा खटखटाने को लेकर भोपाल के सियासी हलकों में हड़कंप मच गया है।

जबलपुर: मध्य प्रदेश में भी अब पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगलों का उपयोग नहीं कर सकेंगे। हाईकोर्ट ने राज्य शासन को आदेश दिया है कि वह एक माह के भीतर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगलों को खाली करा ले। हाईकोर्ट के इस आदेश से वर्षों से राजधानी भोपाल में सरकारी बंगलों का सुख भोग रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों में खलबली मच गई है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने मंगलवार 19 जून को दिये आदेश में मध्य प्रदेश मंत्री वेतन एवं भत्ता अधिनियम 2017 में किये गये संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए सरकारी बंगलां में काबिज पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास खाली कराने का आदेश दिया है।

एमपी हाईकोर्ट में सिविल लाइंस निवासी विधि के छात्र रौनक यादव ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों कैलाश जोशी, दिग्विजय सिंह व उमा भारती को तत्कालीन राज्य सरकार ने सरकारी आवास आवंटित किये थे, लेकिन इन्होंने मुख्यमंत्री पद पर न रहने के बावजूद इन बंगलों पर कब्जा कर रखा है। इसके अलावा कई प्रशासनिक व शासकीय अधिकारी भी भोपाल में पदस्थ नहीं है, किंतु वे भोपाल में सरकारी बंगलों पर कब्जा जमाए हुए हैं।

भोपाल: मध्यप्रदेश में भाजपा के ख़िलाफ़ विपक्ष की एकजुटता को बीएसपी ने करारा झटका दिया है। बीएसपी ने आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात से इनकार कर दिया है। बीएसपी अपने दम पर सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उधर, कांग्रेस अब भी गठबंधन की आस लगाए बैठी है। कांग्रेस के प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने कहा है कि अभी चुनाव में वक्त है, हम समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर चलना चाहते हैं।

मध्यप्रदेश बसपा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद अहिरवार ने कहा, ‘मुझे मीडिया से पता चला है कि कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस की बातचीत चल रही है। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस गठबंधन के संबंध में राज्य स्तर पर हमारी कोई बातचीत नहीं हो रही है और जहां तक मुझे पता है केन्द्रीय स्तर पर भी नहीं हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बारे में मुझे केन्द्रीय नेतृत्व से अब तक कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं।’

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