ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं

ग्वालियर: फेसबुक पेज पर कॉल गर्ल भेजने का सौदा करने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ई-एस्कॉर्ट सर्विस नाम का फेसबुक पेज बनाकर अपना मोबाइल नंबर जारी करता था। जो लोग उस पर संपर्क करते, उन्हें वह कॉल गर्ल भेजने का झांसा देता और सौदा तय होने पर आधा पैसा एडवांस ई-वॉलेट में ट्रांसफर करा लेता था। इस तरह की मौखिक शिकायतें सामने आने के बाद राज्य साइबर सेल ने ग्राहक बनकर युवक को झांसी के काल्पी से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया ठग अंकित द्विवेदी उर्फ सोनू खुद को पत्रकार बताकर पड़ोसियों पर रौब भी गांठता था।

ठगी के लिए उसने फेसबुक पर ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और पटना के नाम से अलग-अलग पेज बनाए थे। पकड़ा गया ठग इतना शातिर है कि पिछले 4 साल में 200 से ज्यादा लोगों को कॉल गर्ल के नाम पर करीब 10 लाख रुपए ठग चुका है। एक बार कैश आने के बाद न तो कॉल गर्ल मिलती थी न ही कैश वापस होता था। पैसा खाते में आने के बाद वह अपना मोबाइल बंद कर लेता था। यह अब तक इसलिए नहीं पकड़ा गया क्योंकि कॉल गर्ल बुक करने वाले शर्मिंदगी के चलते ठगी की कहीं भी शिकायत नहीं करते थे।

भोपाल: कांग्रेस की जनता की अदालत पर भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने हमला करते हुए कहा कि जिन्होंने आपातकाल लगाया वे लोकतंत्र की दुहाई न दे। प्रदेश की जनता कांग्रेस के खिलाफ तीन बार अविश्वास प्रस्ताव पारित कर चुकी है। कांग्रेस विधायक दल की जनता अदालत पर कैबिनेट मंत्री रामपाल सिंह ने भी तंज कसते हुए कहा कि जब जब हमारे मुख्यमंत्री ने किसान, गरीब, छात्र के पक्ष में निर्णय लिया, कांग्रेस ने विरोध किया। कांग्रेस ने हमेशा सत्र नहीं चलने दिया। कांग्रेस अनुचित कदम उठा रही है।

बता दें कि मध्य प्रदेश की वर्तमान 14वीं विधानसभा का अंतिम सत्र भले ही मंगलवार को खत्म हो गया हो, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में विधानसभा सत्र को जारी रखा है। इस दौरान सत्ता पक्ष पर जमकर हमले बोले जा रहे हैं और सत्ता पक्ष पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया गया। विधानसभा का सत्र पांच दिवसीय था और वह दो दिन ही चल सका

भोपाल: मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अध्यापकों की अधिकांश मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए जाने पर दो दिन से जारी आमरण अनशन मंगलवार को खत्म हो गया। राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव ने मंगलवार शाम को एक बयान जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास और प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल से बल्लभ भवन में हुई वार्ता में मिले आश्वासन पर अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया गया।

यादव ने बताया कि वार्ता के दौरान सहमति बनी है कि अध्यापकों को शिक्षा विभाग में संविलियन होने की स्थिति में प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का लाभ दिया जाएगा, नियमित कर्मचारियों के समान समस्त सुविधाएं प्राप्त होंगी। अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में सरलता की जाएगी, जिससे प्रदेश के हजारों अनुकंपा नियुक्ति के आश्रितों को अनुकंपा प्राप्त हो सकेगी। इसके बाद गुरुजियों की वरिष्ठता के मामले में मुख्यमंत्री ने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।

भोपाल: भोपाल सेंट्रल जेल ब्रेक और एनकाउंटर मामले की जांच के लिए बने जस्टिस एसके पांडे न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में जांच आयोग ने पाया कि दीवारों की ऊंचाई कम होने की वजह से 8 सिमी आतंकी जेल की दीवार फांदने में कामयाब हो पाये थे आयोग ने सिमी आतंकवादियों के एनकाउंटर को सही माना है। लेकिन मौजूद रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि जेल से भागने ओर एनकाउंटर होने के दौरान आतंकवादियों के पास हथियार कहां से आये, जिससे पुलिस पर हमला किया गया। एक और बात ये चुप्पी सर्वदलीय थी क्योंकि सदन के बाहर एनकाउंटर को फर्जी करार देने वाली कांग्रेस ने रिपोर्ट पेश होते वक्त चुप्पी साध ली।

31 अक्टूबर 2016 को भोपाल जेल से भागे सिमी के आठ आतंकियों के एनकाउंटर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इन आतंकियों पर जेल के सुरक्षाकर्मी की भी हत्या का आरोप लगा था। सरकार ने 7 नवंबर को एक जस्टिस एस के पांडेय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग बनाकर घोषणा की आयोग मामले की जांच कर सारी सच्चाई सामने लाएगा तकरीबन डेढ़ साल बाद आयोग की रिपोर्ट सामने आई।रिपोर्ट में जांच आयोग ने पाया जेल की दीवारों की ऊंचाई कम होने से 8 सिमी आतंकी जेल से भागने में कामयाब रहे। इसका जिम्मेदार आयोग ने दस अधिकारियों कर्मचारियों को मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।


इस रिपोर्ट में आयोग ने माना तात्कालिक परिस्थितियों में बल प्रयोग जरूरी था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि जेल से भागे 8 सिमी आतंकियों ने जेल से भागने के बाद पुलिस पार्टी पर फायरिंग की और धारदार हथियार से पुलिस पर हमले किये। बाद में पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिससे आतंकी मारे गये। थी?

इन सवालों के जवाब में जेल मंत्री अंतर सिंह आर्य कहते हैं ये जेल के बाहर की घटना है। अंदर हथियार मिलने का सवाल ही नहीं है। जेल मंत्री कह रहे हैं हथियार जेल के अंदर पहुंचने का सवाल ही नहीं है, तो फिर वो जेल के बाहर पहुंचाये गये होंगे यानी मामला गृहमंत्रालय का होगा सो जवाब मांगने हम गृहमंत्री के पास पहुंचे लेकिन सदन के पटल पर रखी गई रिपोर्ट गृहमंत्रालय को मिली तक नहीं है।

गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा ये जो रिपोर्ट सौंपी गई है, वो जेल विभाग को दी गई है, गृह विभाग के पास नहीं है इसलिये मुझे जानकारी नहीं है। जब हमने बताया कि रिपोर्ट तो सदन के पटल पर रखी गयी तब उन्होंने कहा मेरी इस संबंध में कोई बात नहीं हुई है सब लोग विधानसभा में व्यस्त थे जो गृह से संबंधित बिन्दू होंगे वो लिखकर आएंगे तो उसमें जो आवश्यक होगा करेंगे, अभी देखने का मौका नहीं मिला।

वैसे मंत्रीजी ये सवाल तो रिपोर्ट तैयार करने से पहले गृहविभाग और जेल से पूछे जाने चाहिये थे। पता नहीं आयोग ने क्यों नहीं पूछा. खैर, इस बीच जेलों की सुरक्षा ऑडिट भी कराया गया। लेकिन सुरक्षा के लिए तैयार प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं हुआ। जिस आउटर वॉल पर चढ़कर 8 सिमी आतंकी फरार हुए थे। उस दीवार की ऊंचाई अब तक नहीं बढ़ाई गई है और न ही इलेक्ट्रिक फेंसिंग काम शुरू हो पाया है। मोबाइल फोन जैमर लगाने की बात हुई थी और सुरक्षा में सीआरपीएफ या फिर सीआईएसएफ के जवानों को तैनात किया जाना था, लेकिन ये सभी प्रस्ताव फाइलों से बाहर नहीं निकल सके।

जेल मंत्री अंतर सिंह आर्य ने कहा सिक्योरिटी के लिये 120 पद स्वीकृत किये व्यापम से सिलेक्शन होगा, 11 जेलों में बिजली से फेंसिंग होगी। लेकिन कब ये मंत्रीजी को नहीं पता है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार पूरे मामले में लिप्त है, नेता विपक्ष अजय सिंह ने कहा रिपोर्ट सही नहीं है, सरकार कैसे कहेगी हमने हथियार दिये, कपड़े दिये फिर गोली मार दी, सरकार पूरी तरह से लिप्त है। वैसे सदन के बाहर कैदियों के परिजनों के साथ मुठभेड़ को फर्जी करार देने वाली कांग्रेस रिपोर्ट पेश होती वक्त सदन में मौन धारण कर बैठी रही। बहरहाल, रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पंजाब की तरह मध्यप्रदेश में भी जेल को गृह विभाग के साथ जोड़ दिया जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

 जांच आयोग की इस रिपोर्ट में नीचे दिए गए सवालों का कोई जिक्र नहीं है।

-जेल से भागे कैदी कैसे आचारपुरा गांव पहुचे।

- कैसे उनके पास वो हथियार आये जिससे पुलिस पर उन्होंने फायरिंग की।

- आतंकियों को नये कपड़े किसने और कब दिये।

- सिमी आतंकी बैरक से बाहर कैसे आए?

- टूथब्रश का इस्तेमाल कर बनाई चाबियों से आखिर ताले कैसे खुले और 22 फीट ऊंची मुख्य दीवार को कैसे फांदा गया?

- जेल में सिमी के खूंखार आतंकियों की बैरक की तलाशी होती थी या नहीं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

- सिमी आतंकियों को बैरक में काजू-किशमिश और बादाम कौन पहुंचाता था, इसकी जांच की जिम्मेदारी किसी की 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख