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भोपाल: मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह की अध्‍यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में अहम प्रस्‍तावों पर चर्चा हुई। कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री नरोत्‍तम मिश्रा ने बताया कि जुलाई से 200 रुपये फ्लैट रेट पर बिजली देने की मुख्‍यमंत्री की घोषणा को पूरा करने के प्रस्‍ताव पर आज कैबिनेट की मोहर लगा दी गई है। वहीं गरीब मजदूरों के बकाया बिल राशि को माफ कर दिया गया है।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी देते हुए पोस्ट किया कि मुझे ख़ुशी है कि आज हमारी कैबिनेट ने गरीब भाई-बहनों को 200 रुपए/माह के फ़्लैट रेट पर बिजली देने की योजना को मंजूरी दे दी। इसका प्रमाणपत्र मिलने वाले दिन तक का आपका बकाया बिल माफ़ कर दिया जाएगा। इससे लाभान्वित 77 लाख हितग्राहियों के लिए सरकार 1806 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी।

शिवराज कैबिनेट के मंत्री नरोत्‍तम मिश्रा ने बताया कि मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण योजना में पंजीयन करने वाले गरीब मजदूरों के बकाया बिल माफ कर दिए जाएंगे। जुलाई महीने में प्रमाणपद्ध बांटे जाएंगे और सरकार 1806 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी।

भोपाल: छिंदवाड़ा सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के फार्म हाउस को भी चोरों ने नहीं बख्शा। कड़ी सुरक्षा के बीच चोर पेड़ चुरा ले गए और किसी को भनक भी नहीं लगी। चोरों को दबोचने में पुलिस को नौ महीने लग गए। फिर भी गिरोह के सभी सदस्य गिरफ्तार नहीं हो पाए। गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश में टीम जुटी है।

मध्‍यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सांसद कमलनाथ का शिकारपुर में फार्म हाउस है। इस फार्म हाउस से 19 और 20 अक्टूबर 2017 की रात चोर चन्दन का पेड़ काट ले गए थे। अगले दिन चौकीदार की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात चोरों पर मामला दर्ज किया था। चोरों को पकड़ने में पुलिस को पूरे नौ महीने का समय लग गया।

भोपाल: मध्यप्रदेश के मंदसौर में जहां पिछली बार किसान आंदोलन का उग्र रूप दिखाई दिया था। वहीं इस बार किसान गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी फसल का लागत मूल्य से 1.5 गुना खरीद मूल्य किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों ने एक यज्ञ किया। इस यज्ञ को सतबुद्धि यज्ञ नाम दिया गया। दूसरी तरफ मंदसौर में किसान आंदोलन के 5वें दिन मिला जुला असर दिखाई दिया, जहां कृषि उपज मंडी में किसान अपनी फसल लेकर नहीं पहुंचे वहीं सब्जी मंडी में सामान्य दिनों की तरह कामकाज जारी रहा।

मध्यप्रदेश के मंदसौर के बलागूडा के हनुमान मंदिर में बालाजी के सामने यज्ञ करते हुए भगवान से अपनी मांगे पूरी करने की अर्जी लगाई। 5वें दिन अपनी मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यज्ञ कर रहे है किसानों ने भगवान को प्रसन्न करने और सरकार को सतबुद्धि देने की बात कही। किसानों में रोष है कि उनके शांतिपूर्ण आन्दोलन पर सरकार कोई ध्यान ही नहीं दे रही है ना किसी नेता का किसानों के लिए कोई ट्वीट आया है। ना ही उनकी मांगों के संबंध में सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बात की पहल कर रहा है। सरकार तक बात पहुंचाने का शांति पूर्ण तरीका अपनाकर वे सदबुद्धि यज्ञ कर रहे है।

इन्दौर: मध्यप्रदेश में किसान आन्दोलन के पहले दिन ही मालवा-निमाड अंचल में आन्दोलन बेअसर दिखा। शहरों में दूध भी बंटा और मंडियों में सब्जियों की आवक भी रही। कही किसी तरह की कोई तनाव की खबर नहीं है। पिछले साल तनाव का केन्द्र रहा मन्दौर-नीमच जिलों में भी आन्दोलन का असर नहीं दिखा है। हॉलकि जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। यह आन्दोलन 10 जून तक चलेगा। देश भर के किसान संगठनों ने राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले 1 जून से 10 जून तक गाँव बन्द आन्दोलन की घोषणा की थी।

इस घोषणा के तहत गाँव से न तो किसान शहर आयेगा न वहां से दूध और सब्जी आयेगी। तथा ना किसान शहर से कोई समान खरीदेगा। इस आन्दोलन की घोषना के बाद से ही मप्र सरकार सजग हो गयी थी। क्योंकि पिछली बार इस आन्दोलन ने मन्दसौर,नीमच,शाजपुर, उज्जैन,देवास,भोपाल आदि शहरों में उग्र रुप ले लिया था। इस दौरान पुलिस की गोली से छह किसानों की मौत हो गयी थी। प्रशासन को स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए कर्प्यू लगना पडा था। इस बार प्रशासन पहले से ही सर्तक हो गया था।

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