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भोपाल: मध्य प्रदेश में 15 साल का वनवास खत्म करने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोक दी है। मध्य प्रदेश के इंदौर में मीडिया से बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "दो करोड़ नौकरियों का वादा जुमला बनकर रह गया। राफेल में 'दाल में काला है', इसलिए जेपीसी नहीं बनाई जा रही है।" मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय संस्थानों को ख़त्म किया जा कहा है। यहां हर पांच घंटे में एक किसान आत्महत्या करता है। राज्य में बेरोजगारी की वजह से खुदकुशी के मामले बढ़े हैं। उन्होंने नोटबंदी को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि नोटबंदी का कोई मकसद पूरा नहीं हुआ।

इंदौर में प्रेस वार्ता के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि मेरी सरकार ने एमपी सरकार को हर संभव मदद दी, अगर विश्वास न हो तो शिवराज सिंह जी से पूछ लीजिए। इस सरकार में भी सेंटर स्टेट संबंध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के चंद महीने शेष रह गए। मुझे यह कहते शर्म नहीं आती कि मोदी सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया।

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आखिर सपा, बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन क्यों नहीं हो पाया, इसका जवाब खुद अखिलेश यादव ने दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि तीनों दलों के प्रस्तावित गठबंधन में कांग्रेस बसपा को शामिल करने के लिए तैयार नहीं थी। जिसकी वजह से गठबंधन की योजना खटाई में पड़ गई। सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘हमने कांग्रेस से कहा था कि मध्यप्रदेश में लड़ाई बड़ी है और इस लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए बसपा को भी साथ लीजिए, लेकिन कांग्रेस सपा से तो गठबंधन करने को तैयार थी, लेकिन बसपा के साथ वो कोई समझौता नहीं करना चाहती थी।'

अखिलेश यादव ने कहा, कांग्रेस के अड़ने की वजह से ही मध्यप्रदेश में गठबंधन नहीं हो पाया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह दावा भी किया कि अगर कांग्रेस का मध्य प्रदेश में सपा, बसपा एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन होता तो इसे कुल 230 सीटों में से 200 से ज्यादा सीटें मिलती।

भोपाल: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी से गठबंधन करके बसपा को खत्म करना चाहती थी। मायावती ने भेल दशहरा मैदान में चुनाव प्रचार के दौरान कहा, मध्यप्रदेश में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है। इसलिए उसने बसपा से गठबंधन का प्रस्ताव रखा था। गठबंधन की आड़ में कांग्रेस षड्यंत्र के तहत कम सीटें देकर बसपा को खत्म करना चाहती थी। मायावती ने कहा कि इसके बाद पार्टी ने प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया।

मजबूत हो रही है कई राज्यों में पार्टी की पकड़

मायावती ने दावा किया कि बसपा की उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में पकड़ मजबूत हो रही है। कांग्रेस घबराई हुई थी। मायावती ने हालांकि, यह नहीं कहा कि गठबंधन करने के लिए कांग्रेस उन्हें कुल कितनी सीट दे रही थी।

रीवा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव और जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव में नक्सलियों और आतंकवादियों की तमाम धमकियों के बावजूद लोकतंत्र में श्रद्धा रखने वाले लोगों ने अच्छा मतदान करके लोकतंत्र का परचम फहरा दिया है।

मध्यप्रदेश में 28 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के पक्ष में एक चुनावी आमसभा को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा, ''छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने कहा था, वोट करने जाओगे तो उंगली काट देंगे। उसके बाद भी वहां 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। लोकतंत्र का झंडा बस्तर के अंदर हमारे देश के नागरिकों ने उठाया। आज भी वहां भारी मतदान हुआ है। पहले की सरकारों को श्रीनगर में चुनाव कराने में हिंसा का भय रहता था। अब वहां नगर पालिका चुनाव एक भी हिंसा के बिना पूरा हुआ। पंचायत चुनाव चल रहे हैं। कश्मीर घाटी में तीन दिन पहले मतदान हुआ और 65 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया।

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