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भोपाल: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आजकल अपने भाषण में भ्रष्टाचार की बात नहीं करते हैं, जैसा कि वह सत्ता में आने से पहले किया करते थे। मध्यप्रदेश के सागर जिले के देवरी में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा, ‘‘मैं मोदी जी से मिला था और उनसे पूछा था कि किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं किया। मोदी जी ने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया, इस पर वह एक शब्द नहीं बोले। मगर हिन्दुस्तान के सबसे अमीर लोगों का 3.50 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। मगर अभी 12 लाख करोड़ रुपया बचा है और नरेन्द्र मोदी जी आहिस्ते-आहिस्ते इन सब बड़े उद्योगपतियों का 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ करेंगे।’’

गांधी ने आगे कहा, ‘‘आजकल अपने (मोदी) भाषण में वह भ्रष्टाचार की बात नहीं करते, पहले करते थे। मगर आजकल भाषण में नरेन्द्र मोदी जी भ्रष्टाचार की बात नहीं करते। यह भी नहीं कहते कि चौकीदार बना दो। क्योंकि वह आपके चौकीदार नहीं बने, बल्कि कुछ बड़े उद्योगपतियों के चौकीदार बन गये।’’ आमसभा में गांधी ने लोगों से तेज आवाज में सवाल करते हुए पूछा, चौकीदार.... इस पर लोगों ने जवाब दिया.. चोर है।

भोपाल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी को उचित ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि इसके जरिये दबा हुआ रुपया वापस बैंकिंग प्रणाली में लाया गया और इसका उपयोग सरकार जनहित के कार्यों में कर रही है। वहीं इससे कुछ घंटे पहले ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को देश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया था। मोदी ने शहडोल में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी के जरिये अलमारियों और बिस्तरों में दबा रुपया वापस बैंकिंग प्रणाली में लाया गया और इसका उपयोग सरकार अब जनहित के कार्यों में कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘नोटबंदी के समय मैंने सार्वजनिक रुप से कहा था कि शुरुआत में इससे लोगों को कुछ परेशानी होगी।’’ मोदी के भाषण से कुछ घंटे पहले राहुल गांधी ने सागर जिले में एक जनसभा में नोटबंदी को देश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला बताया। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद एक परिवार की चार पीढ़ी की सरकारों ने इतने शौचालय नहीं बनाये जितने हमने चार साल में बना दिये। लोगों के मन में सवाल है कि चायवाला प्रधानमंत्री बन गया। इतने पैसे लाता कहां से है, जहां देखों गांव की सड़क बन रही है, शौचालय बन रहा है, रेल का चौड़ीकरण हो रहा है, रेल का विद्युतीकरण हो रहा है। यह मोदी इतने कम समय में पैसे लाया कहां से।

दतिया: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार सत्तारूढ़ भाजपा की राह आसान नहीं है। उसे बुंदेलखंड क्षेत्र की दो दर्जन से अधिक सीटों पर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय दल बसपा और सपा से कड़ी चुनौती मिल रही है। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे बुंदेलखंड क्षेत्र में शामिल मध्य प्रदेश के जिले सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और चंबल संभाग में दतिया एवं शिवपुरी की 30 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास 22 और कांग्रेस के पास आठ सीटें हैं। अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग की जातियों की बहुलता वाले इस क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर और अन्य स्थानीय मुद्दों के कारण भाजपा के लिये इस बार पिछले चुनावों की तरह स्थिति आसान नहीं है।

उल्लेखनीय है कि सपा ने स्थानीय परिस्थितियों की अनुकूलता को देखते हुये इन छह जिलों पर ध्यान केंद्रित किया है जबकि बसपा ने इनके अलावा अनुसूचित जाति की बहुलता वाली चंबल संभाग की मुरैना और विंध्य क्षेत्र में सतना जिले की सभी विधानसभा सीटों पर मजबूती से ताल ठोंक दी है। वर्तमान विधानसभा में बसपा के चार में दो-दो विधायक मुरैना और सतना जिले से हैं। जबकि पिछली विधानसभा में सपा की झोली में एकमात्र सीट टीकमगढ़ जिले से आई थी।

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामवापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी पार्टी लाइन को नहीं मानने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लगभग पांच दर्जन नेताओं को प्रदेश संगठन ने छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि कल नामवापसी का अंतिम दिन था। पार्टी ऐसे नेताओं को पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने के लिए मना रही थी, जिन्होंने किसी अन्य दल के टिकट पर या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकनपत्र दाखिल किया है। लगभग एक दर्जन नेताओं ने नाम वापस ले लिया, लेकिन पांच दर्जन नेता नहीं माने।

सूत्रों के अनुसार कल देर रात प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की मौजूदगी में हुयी वरिष्ठ नेताओं की बैठक में बगावती तेवर दिखाने वाले ऐसे सभी नेताओं को छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया। इनमें मुख्य रूप से दमोह और पथरिया से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में डटे रहने वाले पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया, गुना जिले के बामोरा से पूर्व मंत्री के एल अग्रवाल शामिल हैं।

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