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भोपाल: मध्य प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की बंपर खरीदारी कर कमलनाथ सरकार मुसीबत में फंस गई है। केंद्र सरकार ने खरीदे गए गेहूं में से लगभग आठ लाख मीट्रिक टन कम गेहूं लेने का निर्णय लिया है। इससे राज्य सरकार पर 1,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आने की आशंका है। राज्य में इस बार सरकार ने किसानों से 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की है। इसमें से केंद्र सरकार 67.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं लेने की बात कह रही है। इससे राज्य सरकार की मुसीबतें बढ़ गई हैं। इस मसले को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उठाया है।

कमलनाथ के अनुसार, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रदेश में गेहूं उपार्जन की सीमा 75 लाख टन करने का अनुरोध किया है। भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश में गेहूं उपार्जन पर वर्तमान में 67.25 लाख मीट्रिक टन की सीमा तय की गई है। इसके पहले भारत सरकार ने माह फरवरी में 75 लाख मीट्रिक टन की सीमा स्वीकृत की थी। यह सीमा पुराने चार वर्ष के उपार्जन के आंकड़ों के आधार पर तय की थी।”

भोपाल: भोपाल से नवनिर्वाचित भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को पेट में दर्द की वजह से बुधवार की रात अस्पताल में भर्ती कराया गया और गुरुवार की सुबह उन्हें छुट्टी दे दी गई। प्रज्ञा 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और इस सप्ताह उन्हें मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया था। जिसके तहत उन्हें सात जून को अदालत के समक्ष पेश होना है। जानकारी के मुताबिक प्रज्ञा को आंतों में संक्रमण, कमर दर्द और हाई ब्लड प्रेशर के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल के डॉक्टर अजय मेहता का कहना है कि प्रज्ञा की आंतों में सूजन और ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ था। उन्हें एक से दो दिन तक निगरानी में रखा जाएगा। प्रज्ञा की सहयोगी का कहना है कि वह आज एक कार्यक्रम में शामिल होंगी और फिर उसके बाद दोबारा उन्हें अस्पताल लाया जाएगा। उनकी सहयोगी उपमा ने कहा, "वो (प्रज्ञा ठाकुर) ठीक नहीं हैं। उन्हें इलाज के लिए पहले भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वो पेट से संबंधित किसी रोग से पीड़ित हैं और इंजेक्शन वाली दवाइयां दी गई हैं। उन्हें गुरुवार सुबह अस्पताल से छुट्टी दी गई है और वो एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रही हैं। लेकिन वो वापस अस्पताल लौट आएंगी क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है।"

भोपाल: मध्यप्रदेश के गुना की विशेष अदालत ने अनुसूचित जाति के व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या करने वाले 13 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन 13 लोगों में से 12 ऊंची जाति के हैं। घटना साल 2017 में सितंबर की है। घटना से कुछ दिन पहले सरपंच प्रवीन ऊर्फ पप्पू शर्मा के नेतृत्व में ऊंची जाति के लोगों ने नीलम अहिरवार के खिलाफ दो शिकायत दर्ज कराई थी।

पहली शिकायत में कहा था कि अहिरवार ने गुना से लगभग 20 किलोमीटर दूर एक गांव से ट्रैक्टर की चोरी की और दूसरा आरोप था कि नीलम अहिरवार ने महुखान ग्राम पंचायत भवन से 15 किलो अनाज चोरी किया। हालांकि सब-डिवीजन मजिस्ट्रेट ने जांच में इन आरोपों को बेबुनियाद पाया। वहीं अहिरवार के परिवार वालों ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि दोनों भाइयों के पास 25 बिगाह जमीन है और घर में बहुत दाल और अनाज रखा है। 30 सितंबर को घटना से पहले भी 16 और 25 सितंबर को दो बार अहिरवार पर हमले हुए थे। दूसरे हमले के बाद अहिरवार ने एसी-एसटी एक्ट के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

भोपाल: बिजली संकट और कटौती को लेकर जनता के गुस्से का सामना कर रही कमलनाथ सरकार फिर भरोसा दिला रही है कि प्रदेश में बिजली संकट नहीं है। पर्याप्त बिजली उपलब्ध है। शिवराज सरकार के दौरान लाइन की मेंटेनेंस ना होने के कारण बार-बार बत्ती गुल हो रही है। सीएम कमलनाथ ने अपील की है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से सावधान रहें।

क्राइसेस मैनेजमेंट

बिजली और पानी को लेकर बेवजह के आरोपों से घिरी कमलनाथ सरकार क्राइसेस मैनेजमेंट में लगी है। मंगलवार को ऊर्जा विभाग की हाईलेवल मीटिंग के बाद अब फिर सीएम ने जनता से कहा है कि प्रदेश में बिजली की कमी नहीं है। और ना ही ये अघोषित बिजली कटौती है। बल्कि पिछली सरकार के दौरान कई साल तक बिजली सप्लाई करने वाली लाइनों का रखरखाव नहीं हुआ है। इसलिए बार-बार ट्रिपिंग हो रही है। सीएम ने कहा अब लाइनों की मरम्मत और मेंटेनेंस किया जाएगा।

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