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भोपाल: भोपाल से नवनिर्वाचित भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को पेट में दर्द की वजह से बुधवार की रात अस्पताल में भर्ती कराया गया और गुरुवार की सुबह उन्हें छुट्टी दे दी गई। प्रज्ञा 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और इस सप्ताह उन्हें मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया था। जिसके तहत उन्हें सात जून को अदालत के समक्ष पेश होना है। जानकारी के मुताबिक प्रज्ञा को आंतों में संक्रमण, कमर दर्द और हाई ब्लड प्रेशर के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल के डॉक्टर अजय मेहता का कहना है कि प्रज्ञा की आंतों में सूजन और ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ था। उन्हें एक से दो दिन तक निगरानी में रखा जाएगा। प्रज्ञा की सहयोगी का कहना है कि वह आज एक कार्यक्रम में शामिल होंगी और फिर उसके बाद दोबारा उन्हें अस्पताल लाया जाएगा। उनकी सहयोगी उपमा ने कहा, "वो (प्रज्ञा ठाकुर) ठीक नहीं हैं। उन्हें इलाज के लिए पहले भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वो पेट से संबंधित किसी रोग से पीड़ित हैं और इंजेक्शन वाली दवाइयां दी गई हैं। उन्हें गुरुवार सुबह अस्पताल से छुट्टी दी गई है और वो एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रही हैं। लेकिन वो वापस अस्पताल लौट आएंगी क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है।"

इससे पहले तीन जून को मुंबई की विशेष अदालत ने प्रज्ञा को हफ्ते में एक बार अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे। वहीं प्रज्ञा ने अपनी बीमारी और संसद में औपचारिकताएं पूरी करने का हवाला देकर पेशी से छूट दिए जाने के लिए कहा था लेकिन जज ने इससे इंकार कर दिया था। अदालत ने कहा है कि इस मामले में उनकी उपस्थिति आवश्यक है। प्रज्ञा ने कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को लोकसभा चुनाव में हराकर भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था।

क्या है मालेगांव मामला?

मालेगांव धमाका 29 सितंबर, 2008 को हुआ था। जिसमें सात लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। सरकार ने इस मामले की जांच एटीएस को सौंपी थी। लेकिन बाद में यह जांच एनआईए को सौंप दी गई। अप्रैल 2017 में साध्वी प्रज्ञा को 9 साल कैद में रहने के बाद सशर्त जमानत दी गई थी।

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