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भोपाल: मोहन यादव को मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। मोहन यादव निवर्तमान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं। भाजपा विधायक दल की आज हुई बैठक में ओबीसी नेता और तीन बार के विधायक मोहन यादव के नाम पर मुहर लगी। उन्‍हें आरएसएस की भी पसंद माना जाता है। यादव की नियुक्ति को उनके पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान की राजनीतिक राह (कम से कम राज्य में) के अंत के रूप में देखा जा रहा है।

शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

मोहन यादव को राज्य विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

मोहन यादव ने सीएम बनाए जाने की घोषणा के बाद कहा, "मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा को धन्यवाद देता हूं। यह केवल बीजेपी ही है जो मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।"

भोपाल: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नवनिर्वाचित विधायक सोमवार को विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक करेंगे। बीजेपी ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीट जीतकर मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीट के साथ दूसरे स्थान पर रही।

बीजेपी ने चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर किसी को पेश नहीं किया था और एक तरह से पूरा प्रचार अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर टिका था। एक विधायक ने कहा कि बैठक सोमवार शाम चार बजे शुरू होने की उम्मीद है और शाम सात बजे तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है।

पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों के पूर्वाह्न 11 बजे यहां पहुंचने की उम्मीद है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा शामिल हैं। विधायक ने कहा, ‘‘हमें दोपहर एक बजे दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया गया है। बैठक शाम चार बजे शुरू होगी।’’

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. राज्य की 230 सीटों में से बीजेपी को 163 सीटें मिली हैं। मुख्य विपक्षी कांग्रेस महज 66 सीटों पर सिमट कर रह गई है। इस हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर शुरू हो गया है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की हार के लिए ईवीएम को दोषी ठहराया है। दिग्विजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के 2 दिन पहले ही एक बीजेपी नेता को नतीजे के बारे में पूरी जानकारी थी।

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मंगलवार को दो स्क्रीनशॉट शेयर किए। एक स्क्रीनशॉट फेसबुक पोस्ट का शेयर किया और दूसरा भारत चुनाव आयोग की वेबसाइट के इलेक्शन रिजल्ट पेज का। उन्होंने लिखा, "इन दो तस्वीरों पर गौर करें। रेड बैकग्राउंड में बीजेपी कार्यकर्ता लिख रहे हैं। खाचरौद विधानसभा चुनाव में किसे कितने वोट गिरे और कौन कितने वोट से जीत रहा है। महत्वपूर्ण यह है कि यह पोस्ट मतगणना से 2 दिन पहले यानि 1 दिसंबर को ही लिख दी गयी थी। अब नतीजे के बाद की तस्वीर से मिला लें।"

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि वह पहले या अब भी, कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2023 के विधानसभा चुनाव में किसी मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश नहीं किया था। मध्य प्रदेश में, भाजपा ने 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें हासिल की हैं, जबकि कांग्रेस ने 66 सीटें जीतीं और भारत आदिवासी पार्टी एक सीट जीत सकी।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर साझा किए गए एक वीडियो बयान में कहा, "मैं न तो पहले मुख्यमंत्री पद का दावेदार था और न ही आज हूं। एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में, मैंने हमेशा अपनी सर्वोत्तम क्षमता, वास्तविकता और ईमानदारी से समर्पण के साथ भाजपा द्वारा सौंपा गया कोई भी काम किया है।"

मध्य प्रदेश के चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह भाजपा के कार्यकर्ता होने पर भाग्यशाली महसूस करते हैं।

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