भोपाल: केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश किया। वहीं, इसे लेकर अब बीजेपी नेता उमा भारती ने भी मांग रखी है। उमा भारती का कहना है कि महिला आरक्षण के बिल में एससी-एसटी के साथ ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए।
उमा भारती ने कहा, 'मुझे खुशी है कि महिला आरक्षण मिल रहा है, लेकिन इस बात की कसक भी है कि यह बिना ओबीसी आरक्षण के आया है। क्योंकि अगर हमने ओबीसी महिलाओं की भागीदारी नहीं की तो जो समाज हमेशा से हमपर भरोसा करते आया है, उसका भरोसा टूट जाएगा।'
इसके अलावा, नए संसद भवन पर भी उमा भारती का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'पुराने संसद भवन में जब बाहर के अतिथि आते थे तो हम बहुत शर्मिंदा होते थे।' नए संसद भवन को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, 'आज बहुत ही सौभाग्य का दिन है। नए संसद भवन में संसद लग रही है। यह बहुत जरूरी था। पुराने संसद भवन की हालत बहुत खराब थी।'
सनातन धर्म पर हुए विवाद को लेकर बोलीं उमा भारती
वहीं, सनातन धर्म को लेकर भी उन्होंने अपनी राय रखी, उन्होंने कहा, 'मैंने पहले भी यही बात कही थी, अब भी यही कहूंगी। उमा ने कहा कि ये विवाद नेताओं को नहीं शंकराचार्य के ऊपर छोड़ देना चाहिये।'
महिला आरक्षण बिल को कांग्रेस ने बताया 'चुनावी जुमला'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु के तुरंत लागू कर दिया गया होता। ऐसे में उन्होंने लोकसभा में पेश महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है।