नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले में कवि और समाज सुधारक संत रविदास को समर्पित 100 करोड़ रुपये के मंदिर-सह-स्मारक की आधारशिला रखी। साथ ही प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अमृत काल में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं और अतीत से सीखें। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि गरीबों का दर्द समझने के लिए मुझे किताबें ढूंढने की जरूरत नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान मैंने तय किया कि चाहे जो हो जाए मैं अपने गरीब भाई बहनों को खाली पेट सोने नहीं दूंगा। मैं भलीभांति जानता हूं कि भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है। मैं जानता हूं कि गरीब का स्वाभिमान क्या होता है। मैं आपके परिवार का सदस्य हूं। आपका सुख दुख समझने के लिए मुझे किताबें ढूंढने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की. 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया। आज हमारे इन प्रयासों की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय जो योजनाएं आती थी वो चुनावी मौसम के हिसाब से आती थी, लेकिन हमारी सोच है कि जीवन के हर पड़ाव पर देश दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, महिलाएं और इन सबके साथ खड़ा हो और हम उनकी आशाओं-आकांक्षाओं को सहारा दें।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकारें गरीबों को पानी उपलब्ध कराने में विफल रहीं जबकि उनकी सरकार के दौरान जल जीवन मिशन के कारण दलित बस्तियों, पिछड़े इलाकों और आदिवासी क्षेत्रों को अब नल से जल मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि रविदास जी ने उस कालखंड में जन्म लिया जब देश पर मुगलों का शासन था, समाज अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से जूझ रहा था। उन्होंने कहा कि उस समय भी रविदास जी समाज को जागृत कर रहे थे, वह उसे बुराइयों से लड़ना सिखा रहे थे।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ढाना में विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा बीना-कोटा रेलवे लाइन के दोहरीकरण परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया।