नई दिल्ली (आशु सक्सेना): कर्नाटक में प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस पूरे उत्साह में है। कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी ने आज (सोमवार 29 मई) मध्य प्रदेश के चुनावों को लेकर अहम बैठक की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के पार्टी नेताओं के साथ दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में बैठक की।
बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लंबी चर्चा चली, हमारा आंतरिक आंकलन है कि हमें कर्नाटक में 136 सीटें मिली, हमें मध्य प्रदेश में 150 सीटें मिलने वाली है। जो कर्नाटक में किया उसे दोहराएंगे। भैय्या 150 सीटें आने वाली हैं।
कांग्रेस ने एमपी के लिए बनाई खास रणनीति
कांग्रेस ने बीजेपी को फंसाने के लिए व्यूह रचना शुरू कर दी है। कांग्रेस की नजर भाजपा के असंतुष्ट नेताओं पर है, तो वहीं पार्टी के नेताओं को सक्रिय करने की हर संभव कोशिश हो रही है।
दिग्विजय सिंह मिशन 66 पर लगे हुए हैं। दिग्विजय सिंह की विधानसभा के उन 66 सीटों पर सक्रियता बढ़ी हुई है, जहां कांग्रेस को लंबे अरसे से हार का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए 16 नेताओं की एक टीम को काम पर लगाया है।
वहीं प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ लगातार सभाएं कर रहे हैं। वे खुद अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं। कमलनाथ ने कार्यक्रमों में अभी से अपने वादे और घोषणाएं का एलान करना शुरू कर दिया है। वह सस्ती बिजली, 500 रुपये में सिलेंडर, पुरानी पेंशन लागू करने का कांग्रेस का वादा हो या कर्जमाफी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को 27 प्रतिशत आरक्षण जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं। कांग्रेस लगातार भाजपा सरकार को घेर रही है।
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह एकजुट
मध्य प्रदेश कांग्रेस 2018 की तुलना में इस बार एकजुट नजर आ रही है। पिछले चुनाव में जहां सिंधिया और कमलनाथ के बीच कई बार मतभेद देखने को मिला था। जिसका परिणाम ये हुआ कि राज्य में कांग्रेस की सरकार गिर गई। इस बार एमपी में कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय साथ नजर आ रहे हैं। पार्टी भी चाहा रही है कि जनता के बीच उनके एकजुट होने के संदेश जाए। वहीं, कांग्रेस एक विशेष अभियान चला रही है। जिसमें वह जिला और ब्लॉक स्तर तक घर-घर जाकर लोगों को अपनी योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं।