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मुंबई: जरूरतमंद लोगों को चिकित्सकीय उपचार के लिए दिए जाने वाले मुख्यमंत्री के राहत कोष के तहत और अधिक सर्जरी को शामिल करते हुए इस सहायता राशि में दी जाने वाली वित्तिय सहायता बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल 67वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य अतिथिगृह ‘सहयाद्री’ में लोगों से बातचीत करने के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब से जिगर, अस्थि मज्जा, हृदय प्रतिरोपण, कृत्रिम अंगों को लगाने और शिशुओं को गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में रखने में आने वाले खचरें के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि अब तक मुख्यमंत्री राहत कोष से जरूरतमंद लोगों को अधिकतम दो लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती थी जिसे अब बढ़ा कर तीन लाख रूपये कर दी गई है।

मुंबई: जन अधिकार पार्टी के नेता एवं बिहार से लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने कहा कि देश में कोई 'असहिष्णुता' नहीं है और राजनीतिज्ञ वोट जुटाने के लिए इस मुद्दे को उठाते हैं। यादव ने यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद कहा, 'मुझे कोई असहिष्णुता नहीं दिखती। राजनीतिज्ञ माहौल को खराब कर रहे हैं। ऐसे राजनीतिज्ञों को उखाड़ फेंकने के लिए देश में जन आंदोलन के एक और दौर की जरूरत है जो अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए इस मुद्दे (असहिष्णुता) को उठा रहे हैं। मधेपुरा से सांसद यादव ने कहा, 'राजनीतिज्ञ आज पूंजीवादियों के हाथों में कठपुतली बन गए हैं और उनके आपराधिक विचार वाले तत्वों से नजदीकी संबंध हैं।

पुणे: एनसीपी नेता शरद पवार ने अपने स्वास्थ्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज करते हुए मंगलवार को ट्वीट किया, 'मैं पूरी तरह से ठीक हूं।' किडनी में मामूली परेशानी के बाद रविवार की शाम से पुणे के एक अस्पताल में भर्ती 75 वर्षीय नेता ने कहा, 'शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद।' उनके स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर लगाई जा रही अटकलों के बाद पवार ने यह ट्वीट किया। इस बीच मुंबई में एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि पवार की तबियत में सुधार हो रहा है और अगले एक दो दिन में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

अहमदनगर: महाराष्ट्र के अहमदनगर में भगवान शनि को समर्पित मंदिर में जबरन प्रवेश करने के लिए आ रही लगभग 500 महिला प्रदर्शनकारियों को 40 किलोमीटर पहले ही हिरासत में ले लिया गया है। इन महिला कार्यकर्ताओं की योजना थी कि वे मंदिर के सबसे भीतरी हिस्से में जबरदस्ती प्रवेश कर सकें। मंदिर के इस हिस्से में एक खुले प्लेटफॉर्म पर भगवान शनि के प्रतीक रूप में पवित्र माने जाने वाले काले रंग के एक पत्थर को प्रतिष्ठापित किया गया है। ये महिला कार्यकर्ता मंगलवार को ही पुणे से छह बसों में भरकर रवाना हुई थीं, और उनका कहना था कि वे अहमदनगर के इस मंदिर में कई शताब्दियों से चली आ रही महिलाओं के भीतरी हिस्से में प्रवेश पर रोक की परंपरा को खत्म करना चाहती हैं।

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