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मुंबई: मशहूर अभिनेत्री और भाजपा सांसद हेमा मालिनी की मुंबई के अंधेरी इलाके में एक डांस स्कूल खोलने की योजना विवाद में घिरती नजर आ रही है। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने गुरुवार को हेमा मालिनी पर डांस स्कूल के लिए भूमि कब्जाने का आरोप लगाया है। एक महीने पहले महाराष्ट्र सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद हेमा मालिनी को डांस स्कूल खोलने के लिए पॉश उपनगरीय इलाके ओशिवारा में 2000 वर्ग मीटर की भूमि आवंटित की थी। सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, हेमा मालिनी को करोड़ों की कीमत वाली यह भूमि मात्र 70,000 रुपये में आवंटित कर दी गई। गलगली ने बताया, 'इतना ही नहीं, हेमा मालिनी को मुंबई के पॉश इलाके में भूमि आवंटित करने का यह दूसरा वाकया है।

मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दूसरी बार महाराष्ट्र के राज्यपाल को खत लिखकर आदर्श घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीबीआई के अलावा राज्य मंत्रिमंडल ने भी एक प्रस्ताव भेजकर गवर्नर विद्यासागर राव से गुजारिश की है कि वह अशोक चव्हाण के खिलाफ कार्रवाई को अनुमति दें। अशोक चव्हाण उन 13 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें सीबीआई ने आदर्श घोटाले में चार्जशीट किया था। पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री मौजूदा समय में पार्टी के सांसद हैं, और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं।

मुंबई: शिवसेना के विरोध के बाद पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का मुंबई में पूर्व नियोजित कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। अली 29 जनवरी को 'घर वापसी' फिल्म के गाने की लांचिंग के लिए मुंबई आने वाले थे। फिल्म में उन्होंने अभिनय किया है और इसमें वह एक देशभक्ति का गाना गाते नजर आएंगे। मुंबई में दूसरी बार अली का कार्यक्रम रद्द हुआ है। शिवसेना की ओर से कहा गया है कि अली को मुंबई में कार्यक्रम करने नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल भी शिवसेना के विरोध की वजह से मुंबई के अलावा पुणे में भी अली के कार्यक्रम रद्द किए गए थे। 'घर वापसी' फिल्म के निर्देशक शोएब इलियासी ने बुधवार को मीडिया को बताया कि शिवसेना के विरोध के कारण अली का कार्यक्रम रद्द किया गया है।

ठाणे: महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे और ठाणे के मेयर संजय मोरे समेत शिवसेवा के 22 सदस्यों एवं नेताओं को 2005 में हुए दंगे और हत्या के प्रयास के आरोप से बरी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 2005 में हुये दंगों में शिवसेना नेता और पार्षद रवीन्द्र पाठक ने अपने वरिष्ठ नेता नारायण राणे के साथ पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद आरोपियों ने कथित तौर पर शिव सेना की वागले इस्टेट स्थित शाखा कार्यालय में हमला करके तोड़-फोड़ की थी। पाठक ने सेना सदस्यों और इसके नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत लिखाई थी। हालांकि तीन साल पहले पाठक फिर से शिवसेना में शामिल हो गये और फिर से पाषर्द के रूप में चुन लिये गये। इसके बाद उन्होंने अदालत में कहा कि उन्हें आरोपियों कोई शिकायत नहीं है।

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