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मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक हो गया है। नतीजतन बीड में इंटरनेट बंद कर दिया गया और धारा 144 लागू कर दी गई। एक ओर जहां आंदोलन समर्थकों ने कई जगहों पर हिंसा की। वहीं सरकार में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। कल एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के घर को आंदोलन समर्थकों ने आग के हवाले कर दिया। बीड में शरद पवार गुट के दफ़्तर में भी आग लगा दी गई। बोर्ड नगर परिषद के दफ़्तर में भी तोड़फोड़ और आगज़नी की गई है। इसके बाद बीड में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है।

छत्रपति संभाजी नगर में भी बीजेपी विधायक के दफ़्तर में तोड़फोड़ की गई है। देर रात सोलापुर और पंढरपुर में भी आंदोलन समर्थकों ने राज्य परिवहन निगम की बस में आग लगा दी। इधर कल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाक़ात की है। सूत्रों के मुताबिक बैठकों में मराठा आरक्षण को लेकर बात हुई है। आज महाराष्ट्र कैबिनेट की एक बैठक भी होने वाली है, जिसमें जस्टिस संदीप शिंदे कमेटी की रिपोर्ट को सरकार स्वीकार कर सकती है।

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा प्रायोजित थी। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य के हालात के लिए “बाहरी ताकतों” को कसूरवार ठहराया। भागवत ने सवाल किया, “मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रहते आ रहे हैं। यह एक सीमावर्ती राज्य है। इस तरह के अलगाववाद और आंतरिक संघर्ष से किसे फायदा होता है? बाहरी ताकतों को भी फायदा मिलता है। वहां जो कुछ भी हुआ, क्या उसमें बाहर के लोग शामिल थे?” उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन तक मणिपुर में थे। वास्तव में संघर्ष को किसने बढ़ावा दिया? यह (हिंसा) हो नहीं रही है, इसे कराया जा रहा है।

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उन्हें संघ के उन कार्यकर्ताओं पर गर्व है, जिन्होंने मणिपुर में शांति बहाल करने की दिशा में काम किया। भागवत ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व खुद को सांस्कृतिक मार्क्सवादी या जाग्रत कहते हैं, लेकिन वे मार्क्स को भूल गए हैं।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) राहुल नार्वेकर को शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से दायर याचिकाओं पर फैसला करने के लिए एक वास्तविक समय-सीमा बताने का अंतिम अवसर दिया।

पार्टी में टूट के बाद, ये याचिकाएं एक-दूसरे के गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे नीत गुटों की ओर से दायर की गई थीं।

न्यायालय ने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं का शीघ्रता से निर्णय करना होगा। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर गौर किया कि वह दशहरा की छुट्टियों के दौरान स्पीकर से व्यक्तिगत रूप से बातचीत करेंगे।

न्यायालय ने विषय की सुनवाई 30 अक्टूबर के लिए निर्धारित करते हुए कहा, ‘‘हम ज्यादा समय लिए जाने से खुश नहीं है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि दशहरा की छुट्टियों के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बातचीत करेंगे, ताकि एक निश्चित तौर-तरीकों का संकेत दे सकें।’’

मुंबई: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर शनिवार को देर रात फिर से एक दर्दनाक हादसा हो गया है। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं करीब 23 लोग घायल बताए जा रहे हैं। एक मिनी बस और कंटेनर की भीषण टक्कर से यह सड़क हादसा हुआ है। हादसे की खबर जब पुलिस को मिली तो घायल यात्रियों का रेस्क्यू किया गया और उन्हें आनन-फानन में हॉस्पिटल पहुंचाया गया है। फिलहाल घायलों का इलाज किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक नासिक से 35 श्रद्धालु बुलढाणा जिले के सैलानी बाबा की दरगाह पर दर्शन के लिए गए थे। जब सभी लोग दर्शन के बाद नासिक लौट रहे थे उसी वक्त यह हादसा हुआ है। जब यह मिनी बस वैजापुर से गुजर रही थी उसी वक्त जंबरगांव शिवरा में बने टोल पर एक ट्रक खड़ा हुआ था। मिनी बस तेज रफ्तार से आ रही थी और सीधे खड़े ट्रक में घुस गई। मिनी बस की टक्कर इतनी तेज थी कि मौके पर ही 12 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक 4 साल का बच्चा भी शामिल है।

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