नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर दावे को लेकर शरद पवार और अजित पवार गुट अपना-अपना पक्ष रखने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को चुनाव आयोग पहुंचे। शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इलेक्शन कमीशन में सुनवाई के बाद अजित पवार गुट को लेकर दावा किया कि वे झूठ बोल रहे हैं। इस दौरान उनके साथ एनसीपी चीफ शरद पवार भी मौजूद रहे।
सिंघवी ने अजित पवार गुट पर गलत और फर्जी दस्तावेज देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ''अगर कोई गलत दस्तावेज देता है तो उसको माना नहीं जा सकता। ऐसे भी लोगों का दस्तावेज दिया गया जिनकी मौत हो चुकी है। लोगों ने मना भी कर दिया कि उन्होंने साइन नहीं किए हैं। एक पार्टी को गलत कागज के जरिए तोड़ने की कोशिश की गई।'' शरद पवार के साथ आयोग में जितेंद्र आव्हाड और वंदना चव्हाण पहुंचे थे तो वहीं अजित पवार का पक्ष रखने उनके वकील आए थे।
सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग में सुनवाई दो घंटे चली। पहले पार्ट की सुनवाई एक घंटे चली। हमने कहा कि यह निर्धारित करने के लिए बाध्य हैं कि कोई विवाद है या नहीं।
एनसीपी पर अधिकार और पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर सोमवार (नौ अक्टूबर) को इलेक्शन कमीशन में अगली सुनवाई होगी।
अजीत पवार ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में एनसीपी के 53 में से 42 विधायकों, नौ में से छह विधानपरिषद सदस्यों, नागालैंड से सभी सात विधायकों, लोकसभा और राज्यसभा के एक-एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है।
चुनाव आयोग पहुंचा मामला
अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था। अगली सुनवाई यानी नौ अक्टूबर को अजित पवार गुट अपना पक्ष निर्वाचन आयोग के समक्ष रखेगा। हाल ही में शरद पवार ने कहा था कि कुछ लोग निजी महत्वकांक्षा के कारण अलग हुए हैं।