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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने और उनकी तारीफ करने के एक सप्ताह बाद, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने नोटबंदी और 98,000 करोड़ रुपये की लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना के मुद्दे पर राजग सरकार पर निशाना साधा। अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले बीएमसी चुनाव के मद्देनजर घाटकोपर में एक रैली में पवार ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के बहाने मोदी सरकार लोगों को परेशान कर रही है। लेकिन लोग इसका जवाब उनकी पार्टी के खिलाफ मतदान कर देगें।’ राकांपा नेता ने कहा, ‘सरकार को मुंबई में लोकल ट्रेनों में सफर करने वाले करीब लाखों लोगों की चिंता नहीं है। 98,000 करोड़ रुपये में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई की ट्रेनों को संचालित किये जा सकते हैं लेकिन मोदी को अहमदाबाद जाने की जल्दी है।’ नोटबंदी के मुद्दे पर पवार ने कहा, ‘अगर इस तरह की स्थिति जारी रही, तो आम लोगों का जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा।’

मुंबई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आज (रविवार) कहा कि बाबरी मस्जिद को खतरा होने का पुख्ता सबूत होने के बावजूद इसे केंद्र के नियंत्रण में नहीं लाना नरसिंह राव सरकार की तरफ से ‘घातक राजनैतिक भूल’ थी। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि वह घटना को महज फैसले में भूल बताकर दरकिनार नहीं करेंगे और घटना के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री राव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं का विश्वास खो दिया। उन्होंने ‘टाटा लिटरेचर लाइव फेस्टिवल’ में ‘नरसिंह राव : द फॉरगॉटेन हीरो’ पर परिचर्चा के दौरान कहा, ‘कई लोगों ने नरसिंह राव को चेतावनी दी थी---मस्जिद को खतरा है। हमारी सरकार ने एक बयान जारी किया था कि किसी भी परिस्थिति में हम मस्जिद को ध्वस्त करने की इजाजत नहीं देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात करेंगे।’ उन्होंने कहा कि मस्जिद को खतरा अचानक नहीं था और न तो कारसेवकों की तरफ से यह स्वत: कार्रवाई थी। उन्होंने कहा, ‘रामेश्वरम से पत्थर लाए जा रहे थे और वे ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। समूची ट्रेन को बुक किया जा रहा था। हर कोई जानता था कि लाखों लोग जुटेंगे। बाबरी मस्जिद को असली खतरा था, जो वहां कम से कम 1987-88 से था।’ चिदंबरम ने कहा कि राव को अर्धसैनिक बलों और सेना को बढ़ाना चाहिए था और इसे बिल्कुल स्पष्ट करना चाहिए था कि बाबरी मस्जिद क्षेत्र केंद्र सरकार के नियंत्रण में है।

मुंबई: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई द्वारा कथित तौर पर विजय माल्या के किंगफिशर एयरलाइंस के कर्ज समेत समेत कुल 7,000 करोड़ रुपये का ऋण माफ करने पर उपजे विवाद के बीच नासिक के एक सफाई कर्मचारी ने एसबीआई को पत्र लिखकर उसका भी 1.5 लाख रु का कर्ज माफ करने की मांग की है। महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्र्यंबकेश्वर नगर परिषद में सफाई कर्मचारी भाउराव सोनावने ने बताया कि उन्होंने एसबीआई से उनका कर्ज ‘‘उसी तर्ज पर माफ करने की मांग की है जिस तरह बैंक ने माल्या का कर्ज माफ किया है।’’ सोनावने ने बताया, ‘‘मैंने बैंक को पत्र लिखा कि माल्या का कर्ज माफ करने के उसके ‘अच्छे फैसले’ के लिए बधाई दी है। मैंने एसबीआई से मेरा कर्ज भी माफ करने का अनुरोध किया है।’’ उन्होंने बताया कि यह कर्ज उन्होंने बेटे की बीमारी के इलाज के लिए लिया था और अभी तक बैंक प्रबंधक ने उनके पत्र का जवाब नहीं दिया है। बहरहाल, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सरकार के नोटबंदी अभियान पर सदन में चर्चा के दौरान कहा था कि बट्टे खाते में डालने का मतलब कर्ज माफी नहीं है।

मुंबई: धन शोधन विरोधी विशेष अदालत ने सरकारी निगम में कथित तौर पर 300 करोड़ रुपये के गबन के मामले में महाराष्ट्र के विधायक रमेश कदम और अन्य लोगों की लगभग 50 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए हैं। मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने की है। इस मामले में एजेंसी ने राज्य की सीआईडी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर कदम और अन्य लोगों के खिलाफ सितंबर, 2015 में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था और फिर मार्च में इस बाबत अस्थायी आदेश जारी किया। शोलापुर की मोहोल सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कदम अगस्त 2012 से दिसंबर 2014 तक लोकशाहिर अन्नाभाउ साठे विकास निगम के अध्यक्ष थे। इसी दौरान ईडी ने उनके और निगम के अन्य अधिकारियों के खिलाफ गबन के मामले की जांच शुरू की थी। एजेंसी का कहना है कि जब्त संपत्तियों का मूल्य हालांकि 50 करोड़ रुपये है लेकिन उनकी वास्तविक कीमत 120 करोड़ रुपये से भी अधिक है।

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