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मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को लगातार तीसरे दिन विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक, उसके एनजीओ और कुछ सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी की। एनआईए ने नाइक के प्रतिबंधित संगठन ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ (आईआरएफ) की वेबसाइट बंद कर दी। आतंक रोधी जांच एजेंसी नाइक को तलब भी किया गया है। नाइक एक जुलाई को ढाका आतंकी हमले के बाद उनका नाम चर्चा में आने के समय से विदेश में हैं। इस हमले में शामिल एक आतंकवादी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि वह नाइक के भाषणों से प्रेरित है। आईआरएफ कार्यालयों और परिसरों पर छानबीन अभियान अब भी जारी है। हारमनी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के परिसरों पर भी छापा मारा गया है जहां से नाइक के पीस टीवी के कार्यक्रम प्रसारित होते थे। एनआईए ने आईआरएफ की वेबसाइट भी बंद की जो कथित रूप से नाइक के ‘‘घृणा फैलाने वाले भाषणों’’ का प्रचार कर रही थी। एक एनआईए प्रवक्ता ने कहा, ‘जांच के तहत, इसकी आनलाइन क्रियाकलाप पर पाबंदी सहित एक प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ जरूरी सभी कार्रवाई की जा रही है।’ केन्द्र द्वारा पिछले सप्ताह आईआरएफ पर प्रतिबंध लगाया था और इसे पांच साल के लिए गैरकानूनी क्रियाकलाप रोकथाम कानून के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया था। अगर नाइक एनआईए के सम्मन का जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कार्नर नोटिस जारी किया जाएगा।

मुंबई: रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज (सोमवार) कहा कि नियंत्रण रेखा के पार हालिया लक्षित हमलों ने एक संदेश दिया है कि सरकार आक्रामक नहीं होगी, लेकिन साथ ही चीजों को हल्के में भी नहीं लेगी । पर्रिकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘लक्षित हमलों से एक संदेश गया है कि सरकार आक्रामक नहीं होगी, लेकिन चीजों को हल्के में भी नहीं लेगी ।’ उनसे सितंबर में आतंकी शिविरों के खिलाफ सेना की कार्रवाई और सीमा पार से संघषर्विराम उल्लंघन की घटनाओं में हालिया वृद्धि के बारे में पूछा गया था । वह आज यहां नए युद्धपोत ‘आईएनएस चेन्नई’ के जलावतरण के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे । पोत और मिसाइल निर्माण प्रौद्योगिकी के बढ़ते स्वदेशीकरण के बारे में पूछे जाने पर रक्षमंत्री ने कहा, ‘हम प्रौद्योगिकी का कम से कम 75 प्रतिशत स्वदेशीकरण चाहते हैं । किसी को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि इस तरह की प्रौद्योगिकी का विश्व में कहीं भी 100 प्रतिशत स्वदेशीकरण नहीं है ।’ पर्रिकर ने यह भी कहा कि लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए गति बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर रक्षा परियोजनाएं कारगर कर दी गई हैं और उनके शुरू तथा पूरा होने की प्रतीक्षा अवधि में नाटकीय रूप से कमी आई है । हमें परियोजनाओं पर और गति बढ़ाने तथा ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जिससे हम लंबित परियोजनाओं को पूरा कर पाएंगे ।

मुंबई: रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने सोमवार को निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस चेन्नई’ का जलावतरण किया। यह कोलकाता श्रेणी का ऐसा तीसरा निर्देशित मिसाइल विध्वंसक है, जिसका डिजाइन स्वदेशी है। मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में इस पोत के निर्माण के साथ ही परियोजना 15ए पूरी हो गई है। यह परियोजना कोलकाता श्रेणी के निर्देशित मिसाइल विध्वंसक बनाने के लिए थी। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी इस अवसर पर मौजूद थे। कुल 164 मीटर लंबा ‘आईएनएस चेन्नई’ भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाले सबसे बड़े विध्वंसकों में से एक है। इस पोत में सतह से सतह तक मार करने में सक्षम सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें और सतह से हवा में लंबी दूरी तक वार कर सकने वाली बराक-8 मिसाइलें लगी हैं। पोत में लगी प्रणालियों के अतिरिक्त परीक्षणों के बाद इसे पश्चिमी बेड़े में शामिल किया जाएगा। यह इस श्रेणी का अंतिम विध्वंसक पोत है। इस श्रेणी के पहले पोत का नाम ‘आईएनएस कोलकाता’ था और इसका जलावतरण 16 अगस्त 2014 को किया गया था। इसके बाद ‘आईएनएस कोच्चि’ का जलावतरण 30 सितंबर 2015 में किया गया।

मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो मुंबई में एक विशेष अदालत के जरिए ब्रिटेन से शराब के पूर्व बड़े कारोबारी विजय माल्या को वापस देश लाने के लिए प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की। जांच एजेंसी ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किए, जिसके बाद विशेष अदालत से ब्रिटेन के सक्षम प्राधिकार से माल्या के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया। सीबीआई सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि माल्या दो मार्च को देश छोड़कर चले गए थे और उसके बाद से लौटे नहीं हैं। सीबीआई ने 16 अक्तूबर 2015 को माल्या के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की अपील की थी कि यदि माल्या देश छोड़ने का प्रयास करें तो उन्हें निकासी स्थल पर ही हिरासत में ले लिया जाए। नवंबर में करीब एक माह बाद एजेंसी ने संशोधित सर्कुलर के लिए कहा जहां उसने आव्रजन ब्यूरो से कहा कि वह केवल उसे उनकी रवानगी और यात्रा योजनाओं की जानकारी दे। एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, लुकआउट सर्कुलर इसे जारी करने वाले प्राधिकार पर निर्भर करता है और जब तक वे बीओआई से किसी व्यक्ति को विमान में सवार होने से रोकने या हिरासत में लेने के लिए नहीं कहते, कोई कार्रवाई नहीं की जाती। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई द्वारा लुकआउट नोटिस में बदलाव किए जाने के बाद बीओआई ने उन्हें विदेश यात्रा पर जाने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया और जब भी वह यात्रा पर गए एजेंसी को उसकी जानकारी दी गयी।

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