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मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के 1.5 लाख रुपये तक के कृषि कर्ज की माफी की घोषणा की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में 2012 से सूखे की स्थिति है और उसके बाद से कई किसान कर्ज नहीं चुका पाए हैं। उन्होंने कहा, हमने सभी पार्टियों के प्रमुखों से चर्चा करने के बाद कर्जमाफी करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से राज्य सरकार के खजाने पर 34,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश के इतिहास की सबसे बड़ी कर्जमाफी है और इससे बड़ी कर्ज माफी देने की स्थिति में राज्य सरकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे 89 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। इस योजना का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज कृषि सम्मान योजना रखा गया है। इनकम टैक्स भरने वाले किसानों को कर्जमाफी का लाभ नहीं मिलेगा।
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मुंबई: राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना भाजपा उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगी। शिवसेना ने यह फैसला पार्टी की बैठक के बाद लिया है। पार्टी सुप्रीम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोविंद एक बेहतर इंसान है और उनके नेतृत्व में देश आगे बढ़ेगा। शिवसेना के समर्थन के बाद अब कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है। इससे पहले शिवसेना ने कहा था कि बीजेपी ने कोविंद का नाम देकर राजनीति की है या नहीं, यह सवाल पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से पूछा जाना चाहिए। राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में सभी सांसद और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली एवं पुडुचेरी विधानसभा के सदस्य शामिल होते हैं। इसका कुल योग 1098903 वोट आता है। इसमें प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है। विधायकों के वोट का मूल्य उस राज्य की आबादी पर निर्भर करता है जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं। किसी उम्मीदवार को चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 50 प्रतिशत मतों की जरूरत होती है जो 549452 होती है। शिवसेना के समर्थन के बाद एनडीए के मतों की संख्या 5,37,683 है। होती है।
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मुंबई {जनादेश ब्यूरो): राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में आम राय बनाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने पर एनडीए के घटक दल शिवसेना ने असहमति जताई है। गौरतलब है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए दो बार हुए राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने दोनों बार एनडीए के उमीदवार का समर्थन नहीं किया। पहली बार शिवसेना ने क्षेत्रवाद के नाम पर यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा देवी पाटिल का समर्थन किया था। दूसरी बार शिवसेना ने यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। इस चुनाव में भी शिवसेना ने पेंच फसा दिया है। इसी कवायद को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुंबई में अपने तीन दिन के प्रवास के अंतिम दिन रविवार को सुबह 10 बजे के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' पहुंचे। इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच सवा घंटे तक चली बैठक में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी है। बैठक में शिवसेना प्रमुख अपने बेटे आदित्य समेत शरीक हुए। जबकि अमित शाह का साथ देने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष रावसाहब दानवे शामिल हुए। बैठक में भाजपा की तरफ से प्रस्ताव दिया गया कि राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार चुनने का सर्वाधिकार एनडीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए हैं, लिहाज़ा शिवसेना को भी इस प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए।
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मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। शाह ने इस सवाल पर पार्टी के पत्ते नहीं खोले। उन्होंने केवल इतना कहा कि, "हम अपने और राजग के घटकों के बीच विभिन्न नामों पर चर्चा और विचार कर रहे हैं।" शिवसेना द्वारा सुझाए गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और कृषि वैज्ञानिक एम.एस स्वामीनाथन के नामों पर उन्होंने आश्वासन दिया कि कोई भी फैसला लेने से पूर्व सभी नामों पर विचार किया जाएगा और चर्चा की जाएगी। भाजपा अध्यक्ष शाह यहां के तीन दिनों के दौरे पर हैं। वह राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने आए हैं और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके मुलाकात करने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि भाजपा राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देने से पहले अपने सभी सहयोगी दलों से परामर्श करेगी। शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम अपने सभी सहयोगी पार्टियों से परामर्श करेंगे और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर कोई फैसला करेंगे। वह शिवसेना के बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। दरअसल, शिवसेना अक्सर ही मोदी सरकार की आलोचना करती रही है और उसने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर देश में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का नाम सुझाया है।
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