मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र के किसानों और राज्य सरकार के बीच रविवार को चली बैठक खत्म हो गई है। बैठक के बाद सरकार ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है। बैठक में तय किया गया है कि कर्ज़ माफ़ी के लिए सरकार और किसानों की कमेटी बनेगी और किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। सरकार के इस फैसले के बाद किसान संगठनों ने सोमवार को आयोजित किया जाने वाला प्रदर्शन रद्द कर दिया है। उम्मीद है कि अब किसानों का आंदोलन समाप्त हो जाएगा। शनिवार को बंद कमरे में तकरीबन 3 घंटे चली लंबी बैठक के बाद महाराष्ट्र के किसानों ने राज्य सरकार से बातचीत का न्योता स्वीकार कर लिया था। सरकार ने कहा है कि किसानों का पूरा कर्ज माफ करने के लिए सरकार एक कमेटी का गठन करेगी जो कर्जमाफी के लिए मानक तैयार करेगी। सरकार की इस घोषणा पर स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी ने कहा कि फडणवीस सरकार ने किसान संगठनों से पूर्ण कर्जमाफी का वादा किया है। फिलहाल हम लोग उनकी बातों को मानते हुए आंदोलन वापस ले रहे हैं, लेकिन अगर सरकार ने वादाखिलाफी की तो हमलोग 25 जुलाई से दोबारा आंदोलन करेंगे।
इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आंशिक तौर पर किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही थी, लेकिन आंदोलनरत किसानों ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और पूर्ण कर्जमाफी की मांग करते रहे। सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले मीडिया से बातचीत में किसान नेता रघुनाथ पाटिल ने कहा था कि किसान अब भी अपनी मांगों को लेकर कायम हैं और जब तक सरकार उनकी सारी मांगे नहीं मान लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्ज माफी सहित किसानों की विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए छह सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की थी। एक अधिकारी ने बताया था कि इस छह सदस्यीय समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल करेंगे। समिति किसान नेताओं के साथ विचार विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में किसान कर्ज माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन को लेकर फडणवीस विपक्ष के निशाने पर हैं। समिति के सदस्यों में शिवसेना मंत्री दिवाकर राउते, कृषि मंत्री पांडुरंग फुंदकर, वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतीवार, सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख व जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन हैं। समिति किसान नेताओं के साथ उनकी मांगों पर विचार विमर्श करेगी और राज्य सरकार को प्रस्ताव सौंपेगी।