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मुंबई: शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कश्मीर घाटी में शांति और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर 2014 में किए गए चुनावी वादों को लेकर लोगों के सवालों का सामना करने के लिए अब तैयार हो जाना चाहिए। पार्टी ने प्रधानमंत्री के रेडियो कार्यक्रम का संदर्भ देते हुए कहा कि अब तक वह अपने 'मन की बात' रख रहे थे लेकिन 23 मई को लोगों की 'मन की बात' सामने आएगी। चुनाव आयोग के मुताबिक लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में संपन्न होंगे और मतों की गिनती 23 मई को होगी।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना में कहा, 'इतिहास गवाह है कि लोगों को बहुत दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। लोगों के पास भी सवाल हैं और वह मतपेटियों के जरिए जवाब मांगते हैं।' उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि कश्मीर घाटी में शांति का माहौल बनाने और राम मंदिर का निर्माण करने संबंधी वादे करके 2014 में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई थी। पार्टी ने कहा, 'हालांकि दोनों ही मुद्दे 2019 में भी अनसुलझे ही हैं। लोग जब इस पर सवाल पूछेंगे तो उन्हें जवाब के साथ तैयार रहना चाहिए।' शिवसेना केंद्र एवं महाराष्ट्र दोनों में ही भाजपा की सहयोगी है।
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पुणे: राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। राकांपा के 78 वर्षीय नेता ने कहा कि उनके परिवार के दो लोग चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए किसी को पीछे हटना था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राकांपा प्रमुख ने चुनावी मुकाबले से इसलिए हटने का फैसला किया क्योंकि उन्हें ‘‘हवा के रूख’’ का अहसास हो गया है।
पार्टी के नेताओं के साथ बैठक के बाद राज्यसभा सदस्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ चूंकि मैं 14 बार चुनाव जीत चुका हूं इसलिए मैंने (इस बार) चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे परिवार से किसी को पीछे हटना था और इस बार मैंने युवा नेतृत्व को अवसर देने का फैसला किया। मुझे लगा कि यह फैसला लेने का सही समय है ।’’ राकांपा प्रमुख ने कहा कि उनके भतीजे और पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार के बेटे पार्थ पवार मावल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। शरद पवार ने कहा, ‘‘(पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया के) जयंत पाटिल ने मुझसे पार्थ को टिकट देने का अनुरोध किया था क्योंकि उनकी पार्टी पार्थ के साथ काम करने को तैयार है।’’
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मुंबई: शिवसेना ने शनिवार को कहा कि राम जन्मभूमि एक भावनात्मक मुद्दा है और इसे मध्यस्थता के जरिये हल नहीं किया जा सकता। पार्टी ने केंद्र से इस मुद्दे पर अध्यादेश लाने और राम मंदिर का निर्माण शुरू करने को कहा है। शिवसेना ने पूछा कि जब राजनेता, शासक और सर्वोच्च न्यायालय अब तक इस मुद्दे को हल नहीं कर सके तो फिर ये तीन मध्यस्थ क्या करेंगे।
मध्यस्थता का एक और मौका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जो अयोध्या में दशकों पुराने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के संभावित हल की संभावना मध्यस्थता के जरिये तलाशने की कोशिश करेगी। आध्यात्मिक गुरु और ऑर्ट ऑफ लीविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू भी इस समिति के सदस्य होंगे। शिवसेना ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला टाल दिया और अब इस मामले पर फैसला लोकसभा चुनाव के बाद ही होगा।
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मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग से पूछा कि वह चुनावी दिवस से 48 घंटे पहले सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक के स्पष्ट निर्देश जारी करने से क्यों हिचक रहा है। मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एनएम जामदार की पीठ ने यह सवाल उस समय किया जब आयोग ने कहा कि वह इस तरह के निर्देश पर विचार कर रहा है। फिलहाल, विशेषज्ञों तथा पक्षों से चर्चा की जा रही है।
पीठ ने कहा, लेकिन यह विचार विमर्श कब तक चलेगा, आप कोई निर्णय क्यों नहीं करते। इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी क्यों नहीं करते। अदालत वकील सागर सूर्यवंशी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें चुनाव आयोग को सोशल मीडिया पर पेड राजनीतिक विज्ञापनों के रूप में 'फेक न्यूज के नियमन का निर्देश देने की मांग की गई।
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