नई दिल्ली: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के शक्ति परीक्षण को लेकर बुधवार को सु्प्रीम कोर्ट में मैराथन बहस हुई, जो करीब 3.30 घंटे तक चली। ठाकरे कैंप, एकनाथ शिंदे गुट और राज्यपाल की ओर से दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि फ्लोर टेस्ट गुरुवार को ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को सही ठहराया और शक्ति परीक्षण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, लेकिन फ्लोर टेस्ट को लेकर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल फ्लोर टेस्ट का नतीजा 11 जुलाई की सुनवाई के अधीन होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कल का परिणाम इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद नवाब मलिक और अनिल देशमुख को फ्लोर टेस्ट में वोट करने की इजाजत दे दी है। सीबीआई और ईडी अपनी कस्टडी में दोनों को विधानसभा लाएंगी। कार्रवाई खत्म होने के बाद जेल भेजे जाएंगे। मुंबई में गुरुवार को बहुमत परीक्षण को लेकर धारा 144 भी लगा दी है। साथ ही सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं।
इससे पहले, ठाकरे कैंप ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर लंबी सुनवाई हुई। उद्धव ठाकरे कैंप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यपाल द्वारा बेहद तेज गति से लिए गए फैसले पर औचित्य उठाया। उन्होंने कहा कि विधायकों की अय़ोग्यता पर फैसले पर रोक के बीच शक्ति परीक्षण कराना सही नहीं है।
उन्होंने राज्यपाल की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा, जो ये सोच रहे हैं कि राज्यपाल पवित्र गाय हैं और स्पीकर राजनीतिक हैं, वो गलतफहमी में हैं। वहीं एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पेश वकील नीरज किशन कौल ने कहा, अयोग्यता के मसले को फ्लोर टेस्ट से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। राज्यपाल ऐसे निर्देश के लिए मुख्यमंत्री या कैबिनेट से सलाह मशविरा करने के लिए बाध्य नहीं है। शिंदे गुट ने ये भी कहा, पहले भी 24 घंटे के भीतर शक्ति परीक्षण का आदेश दिया गया है। विधायकों की खरीद-फरोख्त पर लगाम लगाने के लिए जल्द से जल्द निर्णय़ लिया जाना जरूरी है।
इससे पहले, गुरुवार को शक्ति परीक्षण की संभावना को देखते हुए शिवसेना (Shiv Sena) के बागी एकनाथ शिंदे गुट के विधायक गुवाहाटी में रैडीसन ब्लू होटल छोड़कर गोवा रवाना हो चुके हैं. गोवा से मुंबई में विधानसभा पहुंचने में उन्हें ज्यादा देर नहीं लगेगी।
इस बीच, उद्धव ठाकरे सरकार ने फ्लोर टेस्ट के ठीक पहले बड़ा फैसला लिया है। 1989 बैच के आईपीएस विवेक फलसनकर को मुंबई का नया पुलिस आयुक्त बनाया गया। वर्तमान पुलिस आयुक्त संजय पांडे कल रिटायर हो रहे हैं। फलनसकर कल चार्ज ले सकते हैं।
शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी छोड़ गोवा के लिए निकले, महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण के पहले बड़ा कदम उठाया है। इससे पहले महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक भी हुई। इसमें तीन शहरों और कुछ एयरपोर्ट के नाम बदलने का फैसला किया गया। कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर, उस्मानाबाद का नाम धाराशीव और नवी मुंबई का नाम डी बी पाटिल किया गया। फ्लोर टेस्ट और बागी विधायकों के मुंबई पहुंचने की संभावना से पहले मुंबई में धारा 144 लगा दी गई है। बड़े पैमाने पर पुलिस फोर्स और रिजर्व पुलिस बल तैनात किया गया है।