मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलता जा रहा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंगलवार रात को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे। इससे पहले फडणवीस दिल्ली में थे, जहां उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। फडणवीस की मुलाकात गवर्नर से ऐसे वक्त हो रही है, जब बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे वापस मुंबई लौटने की तैयारी में हैं। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागियों से मुंबई लौटने और बातचीत करने की अपील की है।
बैठक के बाद देवेंद्र फडणवीस मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि शिवसेना के 39 विधायक अभी बाहर हैं, लिहाजा हमने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वो उद्धव ठाकरे सरकार से बहुमत साबित करने का निर्देश दें। हमने इसको लेकर अपना पत्र गवर्नर को दिया है। इस पत्र में कहा गया है कि राज्य की जो स्थिति दिखाई पड़ती है, शिवसेना के 39 विधायक बाहर हैं और वो लगातार कह रहे हैं कि वो एनसीपी-कांग्रेस को समर्थन नहीं देना चाहते। चूंकि सरकार अल्पमत में दिखाई पड़ती है।
उन्होंने कहा, हमने गवर्नर से अनुरोध किया है कि वो मुख्यमंत्री को बहुमत सिद्ध करने का निर्देश दें।
बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को ही संकेत दिया था कि वो मुंबई लौट सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं ने राज्यपाल को बताया है कि उद्धव ठाकरे सरकार ने बहुमत खो दिया है। भाजपा नेता गिरीश महाजन और महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के वक्त उनके साथ थे। दोनों एयरपोर्ट से सीधे फडणवीस को लेकर राज्यपाल से मिलने गए। सूत्रों का कहना है कि वहीं आठ निर्दलीय विधायकों ने अपने रजिस्टर्ड ईमेल आईडी से महाराष्ट्र के गवर्नर को मेल भेजा है और तुरंत ही फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है।
इस बीच महाराष्ट्र में कैबिनेट की बैठकों का दौर चल रहा है। मंगलवार को भी मंत्रिमंडल की बैठक हुई, लेकिन कोई बड़ा कदम सामने नहीं आया। महाराष्ट्र की बुधवार को भी कैबिनेट की बैठक हो सकती है। माना जा रहा है कि भाजपा अभी पर्दे के पीछे वेट एंड वॉच की भूमिका में थे, लेकिन जब यह पुख्ता हो गया कि शिवसेना के बागी विधायकों के पास पर्याप्त समर्थन हो गया है, तो वो खुलकर सामने आ गई।
उधर, महाराष्ट्र राजभवन की ओर से कहा गया है कि सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें 30 जून को बहुमत परीक्षण कराने का निर्देश दिए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन यह पत्र पूरी तरह फर्जी है।