मुंबई: शिवसेना में बागी एकनाथ शिंदे गुट और ठाकरे कैंप में अदालती लड़ाई के बीच एक बार फिर नरमी का रुख दिखाई पड़ा है। गुवाहाटी में मौजूद बागी विधायकों से उद्धव ठाकरे ने कहा है, "मुंबई लौटकर आइए और मुझसे बात कीजिए।" इससे पहले दोनों पक्षों के बीच शुरुआती दौर की वार्ता के बाद ही गतिरोध आ गया था। शिवसेना के बागी विधायक की संख्या करीब 40 है और उनके साथ करीब 10 निर्दलीय विधायक भी हैं।
उद्धव ठाकरे के एक सहयोगी ने मुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा, अभी बहुत देर नहीं हुई है। मैं आपसे अपील करता हूं कि आप वापस आएं और मेरे साथ बैठें तथा शिवसैनिकों और जनता के बीच बने भ्रम (जो आपके कार्यों से पैदा हुआ) को दूर करे।
ठाकरे का बयान शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे द्वारा गुवाहाटी में डेरा डाले हुए कुछ विधायकों के नामों का खुलासा करने की पार्टी को चुनौती देने की पृष्ठभूमि में आया है, जो कथित तौर पर पार्टी नेतृत्व के संपर्क में हैं। ठाकरे ने कहा, अगर आप वापस आते हैं और मुझसे बात करते हैं तो कोई रास्ता निकलेगा।
पार्टी अध्यक्ष और परिवार के प्रमुख के रूप में मुझे अब भी आपकी परवाह है।
शिवसेना विधायक वैभव नायक ने कहा, उद्धव जी जो बोल रहे हैं, वो सच बोल रहे हैं। कई विधायक और विधायकों के परिवार उद्धव जी के साथ हैं। साथ ही जो विधायकों को चुनकर देते हैं, वो भी उद्धव जी के साथ हैं। पिछले सात आठ दिनों में इन सभी लोगों ने उद्धव जी पर विश्वास दिखाया है।
शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे मंगलवार को पहली बार गुवाहाटी में होटल से बाहर पत्रकारों से आकर मिले। उन्होंने कहा कि हम हिन्दुत्व और बालासाहेब ठाकरे के विचारों की राह पर हैं और हम अभी शिवसैनिक हैं। शिवसेना के बागी गुट के नेता शिंदे के मुंबई जाने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार शाम महा विकास अघाड़ी सरकार की कैबिनेट बैठक बुलाई है, इस बैठक में तीनों दल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। इससे पहले उद्धव सोमवार को एनसीपी और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात कर चुके हैं।
भाजपा में महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम को लेकर हलचल तेज हो गई है। महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस भी दिल्ली पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी मुलाकात हो सकती है।
इससे पहले शिवसेना के शिंदे गुट के खिलाफ ठाकरे कैंप की ओर से आक्रामक बयानबाजी देखने को मिली थी। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बागी विधायकों को लेकर जिंदा लाश जैसे कई आक्रामक शब्दों का इस्तेमाल किया था। एमवीए सरकार मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी बागी विधायकों को मुंबई लौटने की चुनौती दी थी।
शिवसेना ने इससे पहले 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका डिप्टी स्पीकर को दी थी। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने बागी विधायकों को नोटिस जारी करने के साथ दो दिन में जवाब देने को कहा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पहुंचा और अब बागी एमएलए के पास 12 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का वक्त है। माना जा रहा है कि उद्धव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।
शिंदे ने कहा, गुवाहाटी में हम सारे लोग ख़ुशी मे हैं। हमारे संपर्क मे इतने लोग हैं। इसमें गलत खबर देकर गुमराह करने का काम हो रहा है। इसमें किसी को मन मे शंका पैदा करने की जरुरत नहीं है। हमारे पास जो 50 लोग हैं, वो खुद की मर्जी से आए हैं और वो खुश हैं। एक भूमिका लेकर हम यहां आए हैं। खुद के स्वार्थ के लिए हम यहां नहीं आए हैं। हिंदुत्व और बालासाहब के विचार (भूमिका )लेकर ये लोग यहाँ आये हुए हैं।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा 22 से 24 जून के बीच जारी किए गए सरकारी आदेशों के बारे में जानकारी मांगी है। महाराष्ट्र सरकार के अल्पमत में आने की खबरों के बीच ऐसी खबरे हैं कि आनन-फानन में तमाम आदेश पारित किए गए थे।