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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मुंबई: राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने भारत डायमंड बोर्स (बीडीबी) में 2000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्डरिंग रैकेट का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों के अनुसार डीआरआई द्वारा हाल ही में बीडीबी के बांद्रा कुर्ला परिसर में की गई छापेमारी से इसका पता चला। अवरुद्ध किए गए माल में कम गुणवत्ता वाले कच्चे हीरे थे जिनकी कीमत 156 करोड़ रुपये घोषित की गई थी। एक अधिकारी ने कहा कि विशेषज्ञों के मूल्यांकन में कम गुणवत्ता वाले इन हीरों की कीमत 1.2 करोड़ रुपये निर्धारित की गई जबकि इनकी घोषित कीमत 156 करोड़ रुपये थी।

जांच के दौरान पता चला कि निर्यातकों के साथ मिलकर ये कच्चे हीरे हांगकांग और दुबई जैसे विदेशी बाजारों से आयात किए गए और इनकी कीमत ज्यादा दिखाई गई। अधिकारी ने बताया कि अभी तक चार लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। छापे के दौरान 10 लाख रुपये नकद , 2.2 करोड़ रुपये के डिमांड ड्राफ्ट, चेक बुक, आधार कार्ड और पेन कार्ड बरामद किए गए। अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार चारों आरोपी हीरा मूल्यांकन करने वाले दल के सदस्यों की मदद से माल की निर्धारित से ज्यादा कीमत तय करा लेते थे।

बीडीबी के उपाध्यक्ष मेहुल शाह ने इस गोरखधंधे को लेकर दुख जताया है। उन्होंने कहा, हम आश्चर्यचकित हैं कि कैसे ये लोग हीरों की कीमत निर्धारित करा लेते थे। हमारा उद्योग बेहद सीमित है और लोग एक-दूसरे को जानते हैं। उद्योग में किसी ने भी इन गिरफ्तार आरोपियों के बारे में नहीं सुना है। उन्होंने कहा, अगले एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। हमें सरकारी विभागों और जांच एजेंसियों पर पूरा विश्वास है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने सरकार से मूल्यांकन के लिए एक प्राधिकरण के गठन पर सहमति जताई है।

सूत्रों ने बताया कि जीजेईपीसी सरकार और डीआरआई के साथ मिलकर पिछले तीन महीनों से काम कर रही है और इस गड़बड़ी का खुलासा इसी सहयोग का परिणाम है। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आरोपी जीजेईपीसी से प्रमाणित नहीं है।

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