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मुंबई: काफी सख्त मिजाज के माने जाने वाले महाराष्‍ट्र पुलिस में एडीजी हिमांशु राय ने शुक्रवार को खुद को गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर ली। उन्‍होंने अपने सरकारी आवास में मुंह में रिवॉल्‍वर रखकर गोली चला दी। इसके बाद उन्‍हें नजदीकी बॉम्‍बे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्‍हें मृत घोषित कर दिया गया। 

हिमांशु राय को सुपरकॉप कहा जाता था। हिमांशु ने कई अहम पदों पर काम करते हुए बड़े क्रिमिनल केसों को सुलझाया था। हिमांशु रॉय 1988 ब़च के आईपीएस ऑफिसर थे और उनके पास एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की भी जिम्मेदारी थी।

बॉम्‍बे हॉस्पिटल से मिली जानकारी के अनुसार, 1988 बैच के आईपीएस अफसर हिमांशु किडनी के कैंसर से पीड़ित थे और उनकी कीमोथैरेपी चल रही थी। बताया जा रहा है कि लंबी बीमारी की वजह से वह काफी डिप्रेशन थे। संभावना जताई जा रही है कि इसी वजह से उन्‍हें यह कदम उठाया। जानकारी के अनुसार वह 2016 के बाद से अपने ऑफिस भी नहीं जा रहे थे। वह लंबी छुट्टी पर चल रहे थे।

हिमांशु आईपीएल स्‍पॉट फिक्सिंग केस और पत्रकार जेडे हत्‍याकांड के अलावा कई बड़े केसों पर भी काम कर चुके हैं। हिमांशु ने साल 2013 में आईपीएल स्‍पॉट फिक्सिंग केस में अभिनेता विंदु दारा सिंह को बुकिज से कथित लिंक के चलते गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, हिमांशु रॉय ने दाउद के भाई इकबाल कासकर के चालक आरिफ की गोलीबारी, पत्रकार जेडे मर्डर केस, लैला खान डबल मर्डर केस और विजय पलंडे जैसे महत्वपूर्ण केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी।

इन अहम पदों पर रहे हिमांशु

1995 में एसी नासिक (ग्रामीण) रहे

एसपी अहमदनगर, डीसीपी (आर्थिक अपराध शाखा)

डीसीपी यातायात, डीसीपी जोन-1, और पुलिस आयुक्त, नासिक, (2004-2007)

2009 में मुंबई के संयुक्‍त आयुक्त

एटीएस महाराष्ट्र के चीफ रहे

महाराष्ट्र के अतिरिक्त महानिदेशक (योजना और समन्वय)

एडीजीपी (स्थापना) महाराष्ट्र

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