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मुंबई: आजकल भाजपा नेताओं के बीच दलितों के घर खाना खाने की होड़ सी मची हुई है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इसे कोरी राजनीति करार देते हुए कहा कि इस तरह से दलितों की दशा और दिशा में कोई सुधार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि देश में दलितों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। राजनीतिक नेताओं के दलितों के घरों में खाना खाकर सुर्खियां बटोरने के बीच केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि राजनीतिक वर्ग को पिछड़े समुदाय को कृपा दिखाने से बचना चाहिए और दलितों के घरों पर नेताओं के खाना खाने से छुआछूत दूर नहीं होगी।

पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा सही है जबकि अप्रिय घटनाओं की रिपोर्टे उनके काम पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं। उन्होंने कहा कि दलितों पर होने वाले अत्याचार से केंद्र सरकार के कामकाज पर सवालिया निशान खड़े हो जाते हैं, हालांकि सरकार की मंशा ऐसी कतई नहीं है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘आप किसी के घर पर भोज कर सकते हैं लेकिन आप उनपर कृपा नहीं बरसा सकते हैं जैसे भगवान राम ने शबरी के घर पर भोजन किया था। यह गलत है। हम राजनीति में लंबे अरसे से हैं और कई लोगों के घरों में भोजन किया है लेकिन किसी की जाति नहीं पूछी। उन पर दया दिखाना गलत है और यह सोचना कि दलित के साथ खाना खाने से छुआछूत खत्म हो जाएगी, सही नहीं है।’

उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री से पूछा गया था कि भाजपा ने दलितों के घर पर जो भोजन कर रहे हैं क्या यह मात्र प्रतीकवाद है। इस पर पासवान ने कहा, ‘इसके बजाय उनकी मूल समस्याओं को हल करने की कोशिश होनी चाहिए जैसे शिक्षा की कमी, अत्याचार और विकास।’ यह पूछे जाने पर कि चुनाव से पहले पिछड़ों और किसानों में नाराजगी को देखते हुए वह भाजपा को क्या सलाह देंगे, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख ने कहा कि दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज का एक अहम वर्ग बनाते हैं।

उदित राज ने भी किया विरोध

बता दें कि रामविलास पासवान से पहले बीजेपी सांसद उदित राज ने भी दलितों के घर खाना खाने की राजनीति पर कटाक्ष किया था। उन्होंने तो यहां तक कहा कि इस तरह की कोरी राजनीति करने वालों का हाल कांग्रेस जैसा ही होगा। उन्होंने कहा, राहुल गांधी दलित के घर गये , उनके साथ भोजन किया और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा , उनका भी यही हश्र होगा जो अभी वैसा कर रहे हैं।

ग्राम स्वराज अभियान

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 14 अप्रैल को “ग्राम स्वराज अभियान- सबका साथ, सबका गांव, सबका विकास कार्यक्रम” आयोजित किया था। ग्राम स्वराज अभियान के दौरान 21,058 गांवों के लिए विशेष पहल शुरू की गई। इस अभियान के अंतर्गत गरीब समर्थक पहलों में उज्ज्वला योजना, मिशन इन्द्रधनुष, प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना, उजाला, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लोगों को लाभ देने की योजना थी। इस अभियान के तहत नेताओं को गांवों में रुकने और ग्रामीणों के घर में ही खाना खाने का कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम 5 मई तक चला।

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