मुंबई: सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस लोया की मौत सवालों के घेरे में है और इस पर राजनीति भी हो रही है। इस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होने वाली है। इस सब के बीच रविवार को मुंबई में जस्टिस लोया के बेटे अनुज लोया ने चुप्पी तोड़ी और मीडिया के सामने आए।
अनुज की तरफ से बोलते हुए परिवार के एक सदस्य ने कहा कि जस्टिस लोया की मौत को लेकर परिवार को कोई शक नहीं है। कई लोग इस बारे में परिवार को परेशान कर रहे हैं। वकील और एनजीओ परिवार को परेशान करना बंद करें। वहीं अनुज के वकील ने कहा कि इस मुद्दे को किसी भी तरह के विवाद में न घसीटा जाए और न ही इसका राजनीतिकरण हो। उन्होंने कहा कि किसी को कोई शक न रहे इस लिए अनुज मीडिया के सामने आए हैं।
वहीं अनुज ने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई शक नहीं है इसलिए किसी जांच की जरूरत नहीं है। अनुज ने कहा, 'पिता की मौत के समय मैं केवल 17 साल का था और मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था।' गौरतलब है कि जज लोया की मौत पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई है।
दरअसल 2005 में सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात पुलिस ने हैदराबाद से अगवा किया गया था। आरोप लगाया गया कि दोनों को मुठभेड़ में मार डाला गया। शेख के साथी तुलसीराम प्रजापति को भी 2006 में गुजरात पुलिस द्वारा मार डाला गया। उसे सोहराबुद्दीन मुठभेड़ का गवाह माना जा रहा था।
2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल को महाराष्ट्र में ट्रांसफर कर दिया और 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रजापति और शेख के केस को एक साथ जोड़ दिया। शुरुआत में जज जेटी उत्पत केस की सुनवाई कर रहे थे लेकिन आरोपी अमित शाह के पेश ना होने पर नाराजगी जाहिर करने पर अचानक उनका तबादला कर दिया गया। फिर केस की सुनवाई जज बी एच लोया ने की और नवंबर 2014 में नागुपर में उनकी मौत हो गई थी।