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मुंबई: सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के सीजेआई दीपक मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में शिवसेना ने भी टिप्पणी की है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस प्रकार जजों का सीजेआई पर आरोप लगाना 'परेशान करने वाला' है।

उन्होंने कहा कि जजों पर इस प्रकार के कृत्य पर कार्रवाई की जा सकती है लेकिन यह समझना ज़रुरी है कि आखिर जजों ने ऐसा फैसला क्यों लिया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस प्रकार न्यायपालिका का न्यायपालिका के ही विपरीत खड़े होना आमजन में संस्थान के प्रति विश्वास को कम करेगा। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र के सभी 4 स्तंभ स्वतंत्र होने चाहिए, अगर वो इस प्रकार एक दूसरे पर निर्भर होंगे तो यह ठह जाएगा।'

शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसफ, रंजन गोगोई और जस्ती चेलमेश्वर ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्र पर गंभीर आरोप लगाए थे।

उन्होंने कहा था कि उच्चतम न्यायालय में कुछ चुनिंदा बेंचों को ही कुछ ख़ास केसों को देखने के लिए नियुक्त किया जाता है। जजों ने संकेत दिया था कि जस्टिस लोया मौत मामले का भी केस उन्हीं में से एक है। ठाकरे ने कहा, 'अगर जस्टिस लोया की मौत के पीछे कोई शंका है तो वो सामने आनी चाहिए।'

इसके अलावा शिवसेना प्रमुख ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा, 'अभी जो कुछ हो रहा है वो सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ही हो रहा है और अपने मुख्यमंत्री बनाने और अपने लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर नियु्क्त करने के लिए ही हो रहा है, और जनता के प्रति कर्तव्यों को नज़रअंदाज किया जा रहा है।

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