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नई दिल्ली: पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत पार्टी के 19 विधायकों के बागी होने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच, विधानसभा सत्र बुलाकर सदन में अपना बहुमत साबित करने की अपनी जिद पर अड़े राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर आज दोपहर साढ़े 12 बजे मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कैबिनेट बैठक के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्रा की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने पर उठाई गई आपत्तियों पर चर्चा की जाएगी।

एक दिन पहले शुक्रवार की देर रात गहलोत ने अपने आवास पर कैबिनेट बैठक की थी। यह बैठक देर रात साढ़े 9 बजे शुरू हुई जो करीब ढाई घंटे तक चली। इस बैठक के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा की गई।

विधानसभा सत्र बुलाने पर अड़े राजस्थान की गहलोत सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजेगी। मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर रात हुई बैठक में उन बिंदुओं पर विचार किया गया जो सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने उठाए हैं।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजभवन के घेराव वाले बयान पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार (24 जुलाई) सख्त प्रतिक्रिया दी है और पूछा है कि अगर राज्यपाल की सुरक्षा मुख्यमंत्री नहीं करेगा तो फिर यह किसकी जिम्मेदारी है। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखते हुए कहा, "इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के लिए विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करता, आपने सार्वजनिक तौर पर कह दिया कि अगर राजभवन का घेराव होता है, तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं होगी।"

राज्यपाल ने गहलोत से कहा, "अगर आप और आपके गृह मंत्री राज्यपाल की सुरक्षा नहीं कर सकते, तो राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या होगा? राज्यपाल की हिफाजत के लिए किस सुरक्षा एजेंसी से संपर्क करना होगा? मैंने आज तक कभी भी किसी मुख्यमंत्री से इस तरह का बयान नहीं सुना। राजभवन में विधायकों का प्रदर्शन... क्या यह एक गलत ट्रेंड की शुरुआत नहीं है?"

विधानसभा सत्र को लेकर राजभवन जाने से ठीक पहले अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्यपाल महोदय हम सब आ रहे हैं अभी राजभवन के अंदर, उनसे सामूहिक रिक्वेस्ट करेंगे कि आप दबाव में किसी के नहीं आएं।

नई दिल्ली: सचिन पायलट के खेमे के बागी विधायक दिल्ली में हैं। उन्होंने भाजपा द्वारा उनको उनकी पार्टी से दूर रहने का दबाव बनाने की बात का खंडन किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज आरोप लगाया था कि कांग्रेस के विधायक पार्टी से मदद मांग रहे हैं, वे वहां से भागना चाहते हैं। सचिन पायलट के खेमे के विधायकों ने मुख्यमंत्री के इस दावे का खंडन करते हुए अपने वीडियो संदेश जारी किए हैं।

दौसा के विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा है कि ''हमने न तो कांग्रेस छोड़ी है, न भाजपा के साथ गए हैं। हम माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के पिछले डेढ़ साल की कार्यप्रणाली की शिकायत लेकर हाईकमान के सामने अपनी व्यथा रखने दिल्ली आए हुए हैं।''

नीम का थाना के विधायक सुरेश मोढ़ी ने कहा कि ''हमारे आसपास न तो बाउंसर हैं, न हमें भाजपा ने बंधक बना रखा है। हम यहां स्वेच्छा से बैठे हैं। माननीय अशोक जी गहलोत ने मेरे क्षेत्र में कोई काम नहीं किया। अब हम पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। उनसे निवेदन है कि कुर्सी बचाए रखें पर गलत आरोप न लगाएं।''

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज "जल्द से जल्द" विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की और राजभवन में चार घंटे से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया। गहलोत ने आरोप लगाया कि राज्यपाल केंद्र सरकार के "दबाव में" बहुमत परीक्षण को रोक रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को 102 विधायकों की सूची सौंपी है। साथ ही उन्होंने विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल से अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर राज्यपाल पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, "हमने उनसे कल एक पत्र में सत्र बुलाने का अनुरोध किया और हमने पूरी रात इंतजार किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।" उन्होंने कहा, "हम अपने बहुमत को साबित करने के लिए तैयार हैं। विपक्ष (भाजपा) को इसका स्वागत करना चाहिए था, लेकिन यहां उल्टी-गंगा बह रही है।"

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लगभग दिनभर चला प्रदर्शन शाम 7.40 बजे खत्म हुआ। राजभवन में अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिले जहां मुख्यमंत्री और लगभग 100 कांग्रेस विधायक धरने पर बैठे थे। विधायकों का कहना था कि जब तक राज्यपाल विधानसभा सत्र की घोषणा नहीं करते वे उठेंगे नहीं।" विधायकों ने लॉन में बैठे सत्र बुलाने के लिए नारेबाजी की।

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