नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि विधानसभा सत्र जल्द ही बुलाया जाएगा। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि उनके पास बहुमत है। अशोक गहलोत का बयान राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले से ठीक एक दिन पहले आया है। बता दें कि सचिन पायलट कैंप की ओर से उन्हें विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराने को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार सुबह 10.30 बजे राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला आएगा। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'हम जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाएंगे। हमारे पास बहुमत है। सभी कांग्रेस विधायक एकजुट हैं।'
बागी विधायकों को कांग्रेस की ओर से अयोग्य ठहराए जाने संबंधी मामले में हाईकोर्ट में सचिन पायलट की ओर से वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी पैरवी कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने सबसे तेज कानूनी विशेषज्ञों में से एक अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतारा है। कोर्ट में सचिन पायलट की ओर से वकील हरीश साल्वे ने गुरुवार को कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिये अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते और नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है।
राजस्थान में सियासी संकट उस समय शुरू हुआ जब सचिन पायलट और उनके खेमे के 20 से अधिक विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए थे। इसके बाद पायलट के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए कांग्रेस ने उन्हें उप मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था। उनके दो विश्वस्तों को भी मंत्री पद से हटा दिया गया था।
इस बीच, राजस्थान सियासी संकट मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया, लेकिन कहा कि हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन होगा। हाईकोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा, जबकि सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा।