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नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने बागी विधायकों (पायलट खेमा) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने की गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर की ओर से दायर याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी है। स्पीकर की ओर से कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि वो अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं, क्योंकि हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है और उनकी याचिका निष्प्रभावी हो चुकी है। जिसके बाद शीर्ष न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष को अपनी याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी।

कपिल सिब्बल के याचिका वापस लेने के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने नो प्रॉबल्म कहा। महज 3 मिनट की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में यह केस बंद हो गया। सिब्बल ने कहा कि हम याचिका वापस ले रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि हम इस मुद्दे को नहीं उठा सकते। सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने का मामला सुप्रीम कोर्ट में जारी रख सकते हैं। सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 32 पेज का आदेश जारी किया है। हम उस पर कानूनी तौर पर विचार कर रहे हैं।

जयपुर: राजस्थान की राजनीति में ऐसा लग रहा है कि राज्यपाल कलराज मिश्र और सीएम अशोक गहलोत के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए सीएम अशोक गहलोत के प्रस्ताव पर फिर से मंजूरी देने से इंकार कर दिया है। राज्यपाल की ओर से प्रस्ताव की फाइल कुछ सवाल उठाए गए हैं। बता दें कि सीएम अशोक गहलोत की ओर से शनिवार की रात को प्रस्ताव भेजा गया था कि 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाया जाए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले हफ्ते से ही विधानसभा बुलाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वो गवर्नर से कई बार मिल चुके हैं। वहीं दबाव बनाने के लिए वो बीते शुक्रवार को अपने विधायकों को लेकर भी राजभवन पहुंचे थे। यहां उनके साथ पहुंचे विधायकों ने राजभवन के अंदर गहलोत के समर्थन में नारे भी लगाए थे, जिसपर राज्यपाल ने गुस्सा दिखाया था। गहलोत ने अपने विधायकों को राजभवन की परेड पर ले जाने के पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि राज्यपाल ऊपरी दबाव में काम कर रहे हैं।

नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी संकट एक नया मोड़ लेता जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी से चुने गए छह विधायक जो पिछले साल अगस्त में कांग्रेस के साथ विलय हो गए थे उन्हें पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करने का निर्देश देते हुए व्हीप जारी किया है। बीएसपी टिकट जो पर छह विधायक चुने गए थे वो हैं- आर. गुढ़ा, लखन सिंह, दीप चंद, जेएस अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली।

बीएसपी ने निर्देश देते हुए इन सभी से कहा कि राजस्थान विधान सभा सत्र के दौरान अविश्वासमत प्रस्ताव या किसी तरह की कार्यवाही के दौरान वे कांग्रेस के खिलाफ वोट करें। इससे पहले, बीएसपी प्रमुख मायावती ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। उन्होंने गहलोत पर दल-बदल कानून का दुरुपयोग करने और अब फोन टैपिंग का आरोप लगाया थी। साथ ही यह भी कहा थी कि लगातार बीएसपी के साथ दगाबाजी की गई है। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र की और अधिक दुर्दशा ना हो इसके लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है। 

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आज पूरा देश चिंतित है क्योंकि लोकतंत्र खतरे में है। गहलोत ने ट्वीटर पर जारी एक वीडियो में कहा, ''आज पूरा मुल्क चिंतित है क्योंकि लोकतंत्र खतरे में है। 'स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी' अभियान जो चलाया गया, इसके मायने हैं, इसका अपना सन्देश है। उसे एक तरफ आम जनता को भी समझना पड़ेगा और दूसरी तरफ जो सत्ता में हैं उनको भी समझना पड़ेगा। आज जिस प्रकार का माहौल देश के अंदर है वह चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में क्या हुआ सभी को मालूम है और राजस्थान में किस तरह से सरकार राज्यपाल से विधानसभा में जाने की अनुमति मांग रही है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी हमेशा अनिच्छुक रहती है, विपक्ष हमेशा मांग करता है.. यहां हम मांग कर रहे है..अभी तक उसका जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा, ''मैं उम्मीद करता हूं कि राज्यपाल बहुत पुराने राजनीतिज्ञ है, मिलनसार, व्यवहार कुशल हैं और उनके पद की बहुत बड़ी गरिमा है। यह संवैधानिक पद है.. वह शीघ्र ही हमें आदेश देंगे, हम विधानसभा का सत्र बुलाएंगे।

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