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करनाल: असंध में ईसाई समुदाय की मृत महिला के दफनाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। परिजन पहले शव को लेकर कस्बे के कॉलेज के पास बनी जमीन में दफनाने के लिए गए। वहां की महिलाओं ने जमीन को अपनी बताते हुए इसका विरोध किया और पथराव कर दिया। इसके बाद ईसाई समुदाय के लोगों ने सड़क जाम कर दिया। इसके बाद उसे अन्य जगह दफनाया गया तो इस पर भी लोगों ने हंगामा कर दिया। अंत में पुलिस ने शव को कब्र से निकाल कर मोर्चरी में रखवा दिया।

एक ईसाई महिला की यहां मौत हो जाने के बाद परिजन शव को लेकर कस्बे के कॉलेज के पास बनी जमीन में दफनाने के लिए गए। इसका लोगों ने विरोध किया और लोगों ने सड़क जाम कर दिया। जाम की सूचना पर नायब तहसीलदार हिम्मत सिंह, सब इंस्पेक्टर धर्मपाल, सचिव महावीर धानियाए नगर पालिका चेयरमैन दीपक छाबड़ा सहित कई पार्षद भी पहुंचे। इसके बाद शव को कॉलेज के पास ही दफना दिया गया।

शव दफनाने के बाद जब लोग वापस जाने लगे तो दूसरे पक्ष ने जाम लगा दिया और हिंसा पर उतारू हो गए। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन कॉलेज के पास कब्रिस्तान बनाना चाहता है। तनाव की सूचना पर पुलिस दोबारा मौके पर पहुंची और शव को निकालकर मोर्चरी में रखवा दिया।

गत 4 दिसंबर को ईसाई धर्म अपनाने वाले जसवंत सिंह की पत्नी प्यारो देवी की मौत हो गई थी। परिवार के लोग शव को दफनाने के लिए कभी नगरपालिका तो कभी पुलिस थाने के चक्कर काटते रहे। मंगलवार को नगरपालिका सचिव महावीर धानिया ने जेसी कॉलेज के पास शव दफनाने के लिए एक जगह अस्थायी तौर पर दे दी।

इस भूमि पर जैसे ही परिवार के लोग शव दफनाने के लिए पंहुचे तो अनूसूचित व पिछड़ा वर्ग की महिलाओं ने इसे अपनी बताते हुए शव दफनाने का विरोध किया। बाद में नगर पालिका सचिव व चेयरमैन ने कॉलेज के पास शव दफनाने की इजाजत दे दी। शव दफनाने के बाद यहां भी लोगों ने विरोध कर दिया। इसके बाद शव को कब्र से निकालकर मोर्चरी में रखवाया गया।

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