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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान अब तक विदेश सचिव स्तर की वार्ता के लिए पारस्परिक सुविधानुसार तारीख तय नहीं कर पाए हैं। नई दिल्ली ने आज जोर दिया कि मुंबई हमला मामले में मुकदमा आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान की गंभीरता की परख है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, फिलहाल, हमारे पास कोई पारस्परिक सुविधानुसार तारीख नहीं है। उनसे भारत-पाक विदेश सचिव स्तर की वार्ता की स्थिति और यहां दिए गए एक साक्षात्कार में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के फरवरी के पहले सप्ताह में बातचीत की संभावना व्यक्त किए जाने के बारे में पूछा गया था। पठानकोट आतंकवादी हमला मामले में जांच में प्रगति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों सरकारें मामले के संबंध में लगातार बातचीत कर रही हैं लेकिन आगे कोई ब्योरा देने से इंकार कर दिया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद की अंतरिम जमानत की अवधि गुरुवार को 18 मार्च तक के लिए बढ़ा दी। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि वे धन के कथित गबन और विदेशी अनुदान नियमन कानून के तहत दर्ज दो आपराधिक मामलों की जांच में सहयोग करें। ये मामले गुजरात पुलिस और सीबीआई ने दायर किए हैं। जस्टिस एआर दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ से सीबीआई और गुजरात पुलिस ने कहा कि तीस्ता दंपति जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और वे धन के खर्च से संबंधित दस्तावेज भी मुहैया नहीं करा रहे हैं। गुजरात पुलिस 2002 के दंगों में तबाह हुई अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में एक संग्रहालय बनाने के लिए एकत्र धन के कथित गबन के मामले की जांच कर रही है।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज (गुरूवार) जारी अपने संस्मरण में कहा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना प्रधानमंत्री राजीव गांधी का ‘गलत निर्णय’ था तथा बाबरी मस्जिद गिराया जाना ‘पूर्ण विश्वासघात’ जिसने भारत की छवि नष्ट कर दी। राष्ट्रपति ने पुस्तक ‘द टर्ब्युलेंट ईयर्स :1980-1996’ में लिखा है, ‘राम जन्मभूमि मंदिर को एक फरवरी 1986 को खोलना शायद एक और गलत निर्णय था। लोगों को लगता है कि इन कदमों से बचा जा सकता था।’ मुखर्जी कहते हैं, ‘बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक पूर्ण विश्वासघाती कृत्य था। एक धार्मिक ढांचे का विध्वंस निरर्थक था और यह पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए था। इससे भारत और विदेशों में मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को गहरा आघात लगा। इसने एक सहिष्णु और बहुलतावादी देश के तौर पर भारत की छवि को नष्ट किया।’

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन को लेकर चल रहे विवाद के बीच केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मामूली कारणों से विभिन्न राज्यों में 100 से भी ज्यादा बार राष्ट्रपति शासन लगाया। सीमावर्ती राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद रिजिजू ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति शासन विशेष मामलों में ही लगाया जाता है। कांग्रेस पार्टी ने पूर्व में अरूणाचल प्रदेश सहित मामूली आधार पर 100 बार से भी ज्यादा बार राष्ट्रपति शासन लगाया। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस को अरूणाचल प्रदेश की जनता से भ्रष्टाचार मुक्त और जनता के प्रति जवाबदेह न रहने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उसे राज्य की जनता की एकजुटता बनाए रखन में नाकाम रहने के लिए भी माफी मांगनी चाहिए। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायक छोटे बच्चे नहीं हैं, जिन्हें दूसरे बरगला लें।

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