नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क क्षेत्र से संबंधित लोगों की शिकायतों को गंभीरता से लिया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है। पीएमओ ने एक वक्तव्य में बताया कि उन्होंने सभी सचिवों से कहा कि वे शिकायतों की तत्काल शीर्ष स्तर पर निगरानी के लिए एक व्यवस्था बनाएं। प्रधानमंत्री ने ये निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रगति (प्रो एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इंप्लीमेंटेशन) की नौवीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिए। यह एक आईटी आधारित मल्टी मोडल प्लेटफॉर्म है, जिसके तहत वह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न केंद्रीय विभागों और राज्य सरकारों के शीर्ष अधिकारियों से संवाद करते हैं।
मंत्रियों के साथ मीटिंग में, कैबिनेट सेकेट्री ने प्रेंजेटेशन देते हुए कैबिनेट के फैसलों और उन्हें लागू करने के स्टेट पर रिपोर्ट दी। बैठक के दौरान मोदी ने कई राज्यों में सड़क, रेलवे, कोयला, बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में फैली महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इसमें महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि जिन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई उसमें मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी) और इलाहाबाद से हल्दिया के लिए जल मार्ग विकास परियोजना शामिल है। प्रधानमंत्री ने उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की और इस बात की आवश्यकता पर जोर दिया कि लाभार्थियों को समय पर भुगतान मिले।