नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद की अंतरिम जमानत की अवधि गुरुवार को 18 मार्च तक के लिए बढ़ा दी। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि वे धन के कथित गबन और विदेशी अनुदान नियमन कानून के तहत दर्ज दो आपराधिक मामलों की जांच में सहयोग करें। ये मामले गुजरात पुलिस और सीबीआई ने दायर किए हैं। जस्टिस एआर दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ से सीबीआई और गुजरात पुलिस ने कहा कि तीस्ता दंपति जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और वे धन के खर्च से संबंधित दस्तावेज भी मुहैया नहीं करा रहे हैं। गुजरात पुलिस 2002 के दंगों में तबाह हुई अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में एक संग्रहालय बनाने के लिए एकत्र धन के कथित गबन के मामले की जांच कर रही है।
वहीं, सीबीआई विदेशी अनुदान नियमन कानून के कथित उल्लंघन मामले की जांच कर रही है। यह मामला इस दंपति की संस्था सबरंग कम्युनिकेशंस एंड पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड को फोर्ड फाउंडेशन से मिले धन के इस्तेमाल से संबंधित है।